‘परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों ने सुना मुख्यमंत्री की लोकवाणी’ : ‘परीक्षा प्रबन्धन एवं केरियर निर्माण पर केन्द्रित था प्रसारण’
बलौदाबाजार(आईएसएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की रेडियोवार्ता लोकवाणी का प्रसारण जिले के लोगों द्वारा आज उत्साह के साथ सुना गया। परीक्षा प्रबंधन एवं युवा केरियर पर केन्द्रित 7 वीं कड़ी के सुनने की व्यवस्था आश्रम-छात्रावासों में विशेष रूप से की गई थी। स्थानीय अनुसूचित जाति पोस्ट मेट्रिक छात्रावास के बच्चों ने सुनने के बाद इसे काफी उपयोगी बताया है। उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रबन्धन के संबंध में मुख्यमंत्री के सुझाव सुनने के बाद हमें तनाव से राहत मिली है। बच्चों को उनकी रुचि के अनुरूप करियर निर्माण में स्वतंत्रता देने सम्बन्धी उनके विचार अच्छे लगे, बशर्ते अभिभावकों को अनावश्यक दबाव न डालकर बच्चों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए।
लोकवाणी के लगभग आधे घंटे का प्रसारण सुनने के बाद 12 वीं के छात्र कमलेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सही समय पर वाजिब सलाह देकर लाखों छात्रों का हौसला बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि 2 मार्च से परीक्षा शुरू होने वाली है। ऐसे समय मे तनाव दूर करने के लिए खेल और मनोरंजन का भी बीच-बीच में उपयोग करना चाहिए। सरखोर निवासी बीएससी फाइनल के छात्र आकाश नारंगे को लोकवाणी सुनने पर पढ़ाई के प्रभावशाली तरीके की जानकारी मिली। ग्यारहवीं कक्षा के छात्र अमितेश रात्रे ने कहा कि लोकवाणी से परीक्षा के प्रति मेरा तनाव कम हुआ है। हम सब को कुदरत ने जो हुनर बक्शा है, उसे निखारने के प्रयास करना चाहिए। छात्र रूपलाल चतुर्वेदी को मुख्यमंत्री द्वारा पालकों को दी गई सलाह अच्छी लगी। पालकों को भी ज्यादा अच्छे नम्बर लाने के लिए अनावश्यक दबाव नहीं डालने चाहिए। फलित कुमार कोसले ने कहा कि हमें केवल पास होने के लिए नहीं बल्कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए पढ़ाई करने चाहिए।
अवकाश प्राप्त प्रोफेसर एस.एम.पाध्ये ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि माता-पिता अपनी अपूर्ण इच्छा को अपनी संतान के जरिये पाना चाहता है, जो कि उचित नहीं है। अभिभावकों को अपने बड़े होते बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करना चाहिए, डाँट-डपट से काम नहीं बनने वाला है। एक-साथ लम्बी अवधि तक पढ़ाई ना करके बीच -बीच मे हल्का मनोरंजन करने से चीजें अच्छी याद होंगी। छात्रावास अधीक्षक रणजीत सिंह सोनवानी ने कहा कि हमें जीवन में लक्ष्य बनाकर उसे प्राप्त करने का भरसक प्रयास करना चाहिए। पालकों को परीक्षा के समय अनावश्यक तनाव में न डालकर छोटे-छोटे जरूरतों को पूर्ण करने में सहयोग करना चाहिए। मोबाईल से दूर रहने की सलाह भी बहुत सामयिक है। अधीक्षक माखनलाल कुर्रे ने भी परीक्षा प्रबन्धन संबंधी सलाह को उपयोगी और समसामयिक बताया है।