​​​​​​​उद्यानिकी फसलें भी अब शामिल हुई राजीव गांधी किसान न्याय योजना में, फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वालों को मिलेगी इनपुट सब्सिडी

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में फसल उत्पादकता और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में अब खरीफ सीजन की उद्यानिकी फसलों को भी शामिल कर लिया गया है। राज्य में खरीफ मौसम में फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को योजना के प्रावधान के तहत प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) मिलेगी। गौरतलब है कि खरीफ सीजन 2020 में धान की खेती वाले रकबे में यदि उद्यानिकी फसलों की खेती चालू खरीफ सीजन में किए जाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किया गया है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पूर्व में खरीफ सीजन 2021-22 में धान, गन्ना, मक्का, अरहर, सोयाबीन, दलहन-तिलहन के उत्पादक किसानों को इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया था। बाद में इस योजना के प्रावधान को संशोधित कर उसमें कोदो, कुटकी और रागी को भी शामिल कर लिया गया। अभी हाल में बीते 8 सितम्बर में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित केबिनेट की बैठक में खरीफ वर्ष 2021-22 से खरीफ की सभी फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत उद्यानिकी फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के उद्यानिकी कृषकों में उत्साह है। इससे राज्य में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा मिलेगा। फसल विविधीकरण से लोगों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में भी सुधार होगा। उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन व्ही. ने बताया कि खरीफ मौसम में राज्य में फलोत्पादन के तहत केला, पपीता, नाशपाती, अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, बेर, आंवला एवं नींबू वर्गीय फसलें तथा सब्जी की खेती के अंतर्गत टमाटर, आलू, भिंडी, बैगन, शकरकंद एवं कद्दू वर्गीय फसलें, पुष्प के अंतर्गत गुलाब एवं गेंदा फूल की खेती, मसाले की अंतर्गत मिर्ची, हल्दी, अदरक उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ की मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) दी जाएगी। काजू प्लांटेशन करने वाले कृषकों को भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अनुदान सहायता मिलेगी।

उद्यानिकी संचालक श्री माथेश्वरन ने बताया कि वर्ष 2020-21 में राज्य में 8 लाख 28 हजार 390 हेक्टेयर में उद्यानिकी फसलें लगाई गई, जिनमें सर्वाधिक 4 लाख 98 हजार 271 हेक्टेयर में सब्जी, 2 लाख 54 हजार 754 हेक्टेयर में फल, 13 हजार 89 हेक्टेयर में फूल, 67 हजार 765 हेक्टेयर में मसाला तथा 3500 हेक्टेयर में औषधी एवं सुगंधित फसलें शामिल हैं। राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती के रकबे में बीते 15 सालों में 311 प्रतिशत तथा उत्पादन में 528 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-2005 में राज्य में उद्यानिकी फसलों का रकबा लगभग 2 लाख हेक्टेयर था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 8.28 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसी प्रकार वर्ष 2004-05 में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन 17.56 टन था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर एक करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो गया है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.