रबी फसलों की सिंचाई के लिए जलापूर्ति की कार्ययोजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करें : जल संसाधन मंत्री

रायपुर। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आगामी रबी सीजन में सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से फसलों के लिए जलापूर्ति की कार्ययोजना तैयार करने तथा इसके संबंध में किसानों को जानकारी देने के निर्देश दिए हैं, ताकि धान फसल की कटाई के बाद किसान गेंहू, चना, उतेरा सहित अन्य रबी फसलों की खेती की तैयारी कर सके। कृषि मंत्री ने राज्य के पांचों मुख्य अभियंताओं एवं जिले के कार्यपालन अभियंताओं को सिंचाई बांधों एवं जलाशयों में जल की उपलब्धता का आंकलन करने तथा कमांड एरिया के किन-किन गांवों में, किन-किन नहरों के माध्यम से रबी फसलों के सिंचाई के लिए जलापूर्ति की जा सकती है, इस संबंध में किसानों को सूचित करने को कहा है। बैठक में अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, सचिव जल संसाधन अविनाश चंपावत, छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास निगम के प्रबंध संचालक अनिल राय, प्रमुख अभियंता जयंत पवार, चीफ इंजीनियर मॉनिटरिंग खाखा, पांचों परियोजनाओं के प्रमुख अभियंता, मुख्यालय के अधीक्षण अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता प्रशासन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे आज नवा रायपुर स्थित शिवनाथ भवन में छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास निगम की बैठक में विभागीय अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उन्होंने सिंचाई परियोजनावार निर्माणाधीन कार्यों की स्थिति की समीक्षा की और उपलब्ध बजट की शत्-प्रतिशत राशि का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नवीन मद अंतर्गत वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2020-21 शामिल कार्यों की शीघ्र प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने और शीघ्र शुरू कराए जाने के भी निर्देश दिए। बैठक में जल संसाधन विभाग की चुनिंदा परियोजनाओं का निर्माण कार्य छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास निगम के माध्यम से कराए जाने के संबंध में विचार-विर्मश किया गया।

बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने कहा है कि राज्य में महानदी परियोजना के अंतर्गत 164 कार्य, महानदी गोदावरी कछार के अंतर्गत 255 कार्य, मिनीमाता बांगो परियोजना के अंतर्गत 95 कार्य, हसदेव कछार के तहत 151 कार्य तथा हसदेव गंगा कछार के अंतर्गत 163 कार्य निर्माणाधीन हैं। उक्त पांचों परियोजनाओं के अंतर्गत निर्माणाधीन कुल 828 कार्यों अनुबंध राशि 12 हजार 838 करोड़ रूपए है। अब तक उक्त कार्यों पर 5 हजार 407 करोड़ रूपए व्यय हो चुके है। नवीन मद अंतर्गत 1354 करोड़ रूपए की स्वीकृति वाली कुल 378 योजनाएं मंजूर हुई है। जिसमें से 248 योजनाओं की निविदा आमंत्रित की गई है। सचिव श्री चंपावत ने बताया कि चालू खरीफ सीजन में 12 लाख 30 हजार से अधिक हेक्टेयर में सिंचाई हेतु जलापूर्ति की गई है। रबी सीजन में एक लाख 67 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हेतु जलापूर्ति का लक्ष्य है।

बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2019-20 के बजट में 462 तथा वर्ष 2020-21 के बजट में 778 सिंचाई योजनाएं शामिल हैं, जिनमें से अब तक 298 योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। राज्य में सितंबर माह के अंत तक 1141 करोड़ रूपए के लक्ष्य के विरूद्ध 229 करोड़ रूपए का राजस्व अर्जित हुआ है। मंत्री रविन्द्र चौबे ने बजट में शामिल शत्-प्रतिशत योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने तथा राजस्व वसूली के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।

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