मुख्यमंत्री राज्योत्सव पर एक नवम्बर को ट्राईबल टूरिज्म सर्किट के पांच नवनिर्मित टूरिस्ट रिसार्ट का करेंगे ई-लोकार्पण
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक नवम्बर को अपने निवास कार्यालय में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में ट्राईबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत नवनिर्मित पांच टूरिस्ट रिसार्ट और राम वन गमन पर्यटन परिपथ में राजिम और शिवरीनारायण में कराए गए सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्यो का ई-भूमिपूजन करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ट्राईबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत जशपुर जिले के बालाछापर में नवनिर्मित सरना एथनिक रिसॉर्ट, कुनकुरी में कोईनार हाइवे ट्रीट, कांकेर जिले के नथियानवागांग में हिल मैना हाईवे ट्रीट, कोरबा जिले के सतरेंगा बोट क्लब एंड रिसॉर्ट और सरगुजा जिले के महेशपुर में वे-साइड अमेनिटी का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ई-लोकार्पण करेंगे। ये सभी ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के अन्तर्गत स्वदेश दर्शन योजना के तहत बनाए गए हैं।
छत्तीसगढ़ में स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत ट्राईबल टूरिज्म सर्किट विकसित किया जा रहा है। इसके तहत पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की सुविधा के लिए बुनियादी ढ़ांचा विकसित किया जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत कुल 13 स्थानों पर 96 करोड़ की लागत से ईको एथनिक टूरिस्ट रिसार्ट निर्मित कराए जा रहे हैं। जिसमें जशपुर, कुनकुरी, मैनपाट, कमलेश्वरपुर (मैनपाट), महेशपुर, कुरदर, सरोधा दादर, गंगरेल (धमतरी), नथियानवागांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, चित्रकोट एवं तीरथगढ़ शामिल हैं। इस योजना के तहत कुरदर (बिलासपुर), सरोधा दादर (कबीरधाम) तथा धनकुल (कोण्डागांव) ईको एथनिक रिसार्ट का ई-लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 14 अगस्त 2020 को कर चुके है।
छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ राम से जुड़े 75 स्थानों की पहचान की गई है। परियोजना के पहले चरण में इनमें से 9 स्थानों का विकास तथा सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। प्रथम चरण में सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) का चयन किया गया है। इन स्थलों को विकसित करने में लगभग 137 करोड़ 45 लाख रूपए खर्च किए जाएंगे।