छत्तीसगढ़ में अब ग्रामीण भूमिहीनों को भी मिलेगा न्याय, राज्य के सभी जिलों में ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों का पंजीयन प्रारंभ
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूरों को भी न्याय मिलेगा। कृषि भूमिहीन मजदूरों को न्याय देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है। इस योजना के लिए भूमिहीन मजदूरों, पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवारों मुखिया का पंजीयन सभी जिलों में आज से शुरू हो गया है। पंजीयन के लिए ग्राम पंचायतों में व्यवस्था की गई है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में भूमिहीन कृषि मजदूर और पौनी-पसानी व्यवस्था से जुड़े लोगों के लिए एक बड़ा सहारा बनेगी। गांव-गांव में कृषि मजदूर इस योजना को लेकर न सिर्फ उत्साहित हैं बल्कि इस नई योजना और सरकार की पहल को सराह रहे हैं।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों और पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े लोगों की चिंता की और उन्हें आर्थिक मदद देने की योजना लागू की। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर शुरू की गई इस योजना में भूमिहीन कृषि मजदूर के अलावा चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुराहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार के अलावा वनोपज संग्राहक परिवार लाभान्वित होंगे। इस योजना में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को साल में 6 हजार रूपए की आर्थिक सहायता मिलेगी। इस योजना से लगभग 10 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे।
ग्राम पंचायत स्तर पर इस योजना के लिए पंजीयन एक सितबंर से शुरू हो गया है। मजदूर परिवार के मुखिया योजना का लाभ लेने के लिए 30 नवंबर तक पंजीयन करा सकते हैं। राजस्व विभाग द्वारा ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों और पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े मजदूर परिवारों के पंजीयन के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का विशेष पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से पंजीयन किया जाएगा। पंजीयन के लिए परिवार के मुखिया को आधार कार्ड, बैंक पासबुक के छाया प्रति के साथ ग्राम पंचायत में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्र में यथासंभव मोबाइल नम्बर का भी उल्लेख करना होगा। ग्राम पंचायत के सचिव आवेदन निर्धारित समय-सीमा में जनपद पंचायत में जमा कराएंगे जहां पोर्टल में इसकी प्रविष्टि की जाएगी।