हरेली त्योहार में बेटियों के सशक्तिकरण की पहल, मुख्यमंत्री को भेंट की गई बालिकाओं द्वारा अनाज, धान, मौली से बनाई गयी राखियां

रायपुर(आईएसएनएस)। छत्तीसगढ़ के महापर्व हरेली पर आज रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के आदर्श गौठान बैहार में समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ की परिकल्पना के साथ शुरू किये गए गोधन न्याय योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में बेटियों के सशक्तिकरण पहल भी की गई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राजधानी में संचालित शासकीय बालिका गृह की बच्चियों द्वारा तैयार गुलदस्ते से स्वागत किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री बघेल को रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा ने बालिका गृह की बच्चियों द्वारा तैयार राखियां भेंट की। मुख्यमंत्री ने बच्चियों द्वारा तैयार गुलदस्ते और राखियों की सराहना कर उनका हौसला बढ़ाया है।

कार्यक्रमों में विशिष्ट अतिथियों के स्वागत के लिए कलेक्टर भारतीदासन द्वारा बालिका गृह की बच्चियों द्वारा तैयार गुलदस्ते ही लेने के निर्देश दिए गए हैं। असली फूलों के गुलदस्ते की तरह आकर्षक इन गुलदस्तों को बालिकाएं फोम से तैयार करती हैं। फूल मुरझााते नहीं इसलिए ये गुलदस्ते लम्बे समय तक घरों में भी सजाए जा सकते हैं। इनकी लागत और कीमत भी कम है। बालिकाओं द्वारा तैयार ये गुलदस्ते 250 रूपये में बेचे जा रहे हैं। इससे बालिकाओं को प्रति गुलदस्ता 50 से 100 रूपये की आमदनी होती है। प्रशासन द्वारा दो कार्यक्रमों के लिए बालिकाओं द्वारा बनाए गए 21 गुलदस्ते खरीदे गए हैं। बच्चियां पढ़ाई के साथ-साथ खाली समय में राखियां भी बना रही हैं। राखी बनाने से लेकर पैकिंग तक बच्चियां खुद करती हैं। बच्चियां केंडल स्टैंड,पूजा थाली, दिये, गुलदस्ते सहित और भी सामान बनाती हैं।

बालिका गृह की 40 बालिकाओं ने अनाज, धान, मौली से सुंदर फैंसी राखियां तैयार की हैं। बच्चियों के द्वारा बनायी गई राखियों को प्रशासन द्वारा भी विक्रय हेतु उपलब्ध कराया कराया जा रहा है। ये राखियां 10 रूपये से लेकर 200 रूपये तक मूल्य की हैं। राजधानी में शुरू हो रहे जवाहर बाजार के स्टॉल में भी बालिकाओं द्वारा तैयार राखियां रखी जाएंगी। इनके द्वारा बनायी गयी राखियां बाजार में उपलब्ध राखियों से काफी आकर्षक व सस्ती हैं। अब तक लगभग 10 हजार रूपये की राखियों का विक्रय हो चुका है। महिला बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या उमेंश मिश्रा ने बच्चियों की मेहनत और प्रतिभा की तारीफ करते हुए इनसे 2 हजार रूपये की राखियां खरीदी हैं। कलेक्टर भारतीदासन ने भी इनसे राखियां ली हैं। विभाग की 70 महिला समूहों ने भी 5-5 सौ की राखियों का आर्डर दिया है।

राखियों के विक्रय से होने वाली आय को बच्चियों की पढ़ाई के लिए खर्च किया जाएगा। इस आय से बालिकाएं ऑनलाईन पढ़ाई के लिए अच्छा स्मार्टफोन खरीदना चाहती हैं। आम नागरिक बच्चियों के द्वारा निर्मित राखियों को सीधे खम्हारडीह स्थित बालिका गृह से अथवा कलेक्टर परिसर स्थित कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर से खरीद सकते है। स्थानीय व्यापारियों भी इन राखियों का क्रय कर बाजार में विक्रय करके बालिकाओ की मदद कर सकते है।

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