छत्तीसगढ़ का जगदलपुर देश का पहला ऐसा नगर निगम जहां शहरी लोगों को मिला वन भूमि का अधिकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ का जगदलपुर देश का पहला नगर निगम बन गया है जहां शहरी लोगों को वन भूमि का अधिकार पत्र प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री ने आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जगदलपुर के चार लोगों को वन भूमि का अधिकार पत्र प्रदान कर इसकी शुरूआत की। जगदलपुर ऐसे विरले नगर निगम क्षेत्रों में से है जिसकी सीमा में आज भी छोटे और बड़े झाड़ के जंगल की भूमि है। मुख्यमंत्री श्री बघेल की विशेष पहल पर वन अधिकार अधिनियम के तहत शहरी क्षेेत्रों के निवासियों को भी वन अधिकार पत्रक देने की शुरूआत की गई है। जगदलपुर में वन अधिकार पत्र के लिए 1777 लोगों ने आवेदन किया है। जिन पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम में शहरी क्षेत्रों में यदि वन भूमि है तो वहां भी पात्र परम्परागत निवासियों को वन भूमि के अधिकार पत्रक देने का प्रावधान है। लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही नही की गई थी। छत्तीसगढ़ में जनहित को ध्यान में रखते हुए इसकी शुरूआत की गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विधायक चित्रकोट राजमन बेंजाम के माँग पर कोया-कुटमा समाज के लिए पाँच एकड़ जमीन और छः करोड़ रुपए स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोया-कुटमा समाज के लिए सामाजिक सामुदायिक भवन निर्माण के साथ ही बस्तर की विश्व प्रसिद्ध सांस्कृतिक रीति-रिवाजों, पारम्परिक नृत्यों, शिल्प कलाओं, ऐतिहासिक धरोहरों एवँ पुरातात्विक विरासतों को सहेजने के लिए संग्रहालय की भी मांग को स्वीकृत दी है। मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज को इस विशेष दिन की बधाई दी और आदिवासी इलाकों के विकास का सरकार का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम में प्रतीक रूप से 4 हितग्राहियों को तीन हेक्टेयर से अधिक भूमि के व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र (पट्टे) नगरीय क्षेत्र में वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने शहीद वीर नारायण स्वालंबन योजना के तहत 271 हितग्राहियों को प्रतीकात्मक स्वरूप चेक और 140 मेधावी आदिवासी विध्यार्थियो को कक्षा 12 वी और 10 वी की परीक्षाओं मे उत्कृष्ट प्रदर्शन के 5100-5100 रूपए के चेक और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया।

इस अवसर पर जिला कार्यालय बस्तर के एनआईसी कक्ष में बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, बस्तर सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचन्द जैन, विधायक चित्रकोट राजमन बेंजाम, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, महापौर सफिरा साहू, प्रशासनिक अधिकारी और आदिवासी समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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