चित्रकोट जलप्रपात बस्तर का गौरव एवं धरोहर है : मंत्री कवासी लखमा
रायपुर(आईएसएनएस)। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि चित्रकोट जलप्रपात पूरे बस्तर संभाग का गौरव एवं धरोहर है। उन्होंने कहा कि चित्रकोट को छत्तीसगढ के अलावा देश एवं दुनिया के लोग जानते हैं। इसके संरक्षण एवं संवर्धन करने की आवश्यकता है। श्री लखमा ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। मंत्री श्री लखमा कल गुरूवार को तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव के समापन अवसर पर अपना उदगार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद बस्तर दीपक बैज ने की। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, विधायक चित्रकोट राजमन बेंजाम, विधायक जगदलपुर रेखचंद जैन, जनपद अध्यक्ष लोहांडीगुडा महेश कश्यप, जनपद अध्यक्ष जगदलपुर अनिता पोयाम, नगर निगम जगदलपुर की सभापति कविता साहू, जिला पंचायत सदस्य मालती बैज उपस्थित थीं।
मंत्री श्री लखमा ने कहा कि चित्रकोट महोत्सव प्रतिवर्ष नई उंचाईयों को स्पर्श कर रहा है, इस आयोजन से चित्रकोट को नयी पहचान मिली है। उन्होने तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव के भव्य एवं सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की सहराना भी की। मंत्री श्री लखमा ने कहा कि मै ने देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा दुनिया के कुछ देशों का भी भ्रमण किया है, किन्तु मुझे बस्तर के समान सुंदर स्थान कहीं देखने को नहीं मिला, इसे संजोए रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है। श्री लखमा ने कहा कि आदिवासियों की जीवन शैली, परंपरा एवं संस्कृति में पर्वों एवं उत्सवों का विशेष महत्व है। इसे ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ सरकार आदिवासी संस्कृति को संरक्षण व संवर्धन करने तथा विश्वव्यापी पहचान दिलाने हेतु निरंतर कार्य कर रही है। अभी हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का सफल आयोजन इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर उन्होंने राज्य शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ एवं बस्तर के विकास के प्रति कृतसंकल्पित हैं।
सांसद दीपक बैज ने तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसके लिए जिला प्रशासन एवं उनकी पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। श्री बैज ने कहा कि इस महोत्सव में स्थानीय प्रतिभाओं को अपने प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है। विधायक राजमन बेंजाम ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए। रात्रि में सांस्कृतिक संध्या के अवसर पर प्रतिदिन बस्तर एवं छत्तीसगढ की संस्कृति से सराबोर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की उत्कृष्ट प्रस्तुति से कलाकारों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके अलावा कार्यक्रम में कब्बडी, नौका दौडा, रस्सा खींच आदि विभिन्न प्रतियोगिताएं भी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा।