सिरपुर के विकास के लिए दो करोड़ रूपए से ज्यादा के विकास कार्यों की घोषणा, अंतर्राष्ट्रीय सिरपुर बौद्ध महोत्सव में मुख्यमंत्री हुए शामिल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सिरपुर को वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में विकसित करने और पहचान दिलाने के लिए राज्य शासन कटिबद्ध है। जो भी कदम उठाने पड़े वो उठाएं जायेंगे। सिरपुर का पुरा वैभव बहुत ही विस्तृत है। जो लगभग 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इस तरह अन्य जगह विस्तारित बौद्ध केन्द्र नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिरपुर, डोंगरगढ़ और मैनपाट को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। पर्यटन सर्किट से जुड़ जाने से इस ओर सैलानियों का रूझान बढ़ेगा। जल्दी ही सिरपुर विश्व मानचित्र पर अंकित होगा। श्री बघेल आज महासमुंद जिले के सिरपुर में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिरपुर बौद्ध महोत्सव एवं शोध संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर उन्होंने सिरपुर के विकास के लिए 211.52 लाख के कार्यों की घोषणा की। इनमें 25 लाख रूपए की लागत से गेट का निर्माण, 73 लाख रूपए की लागत से सिरपुर मार्ग पर 04 तालाबों का सौंदर्यीकरण, 50 लाख रूपए की लागत से सिरपुर मार्ग पर 06 उपवन निर्माण, सिरपुर के रायकेरा तालाब के लिए 25 लाख रूपए और कोडार-पर्यटन (टैटिंग एवं बोटिंग) के लिए राशि की घोषणा की। उन्होंने इस मौके पर तथागत संदेश मासिक पत्रिका सिरपुर बौद्ध विशेषांक का विमोचन किया और आर्टिस्टों द्वारा बनाई गई पेंटिंग एक्जिविशन का अवलोकन किया तथा पेंटिंग की सराहना की। मुख्यमंत्री ने भदंत नागार्जुन सुरई ससई और आचार्य विचार साहेब का चींवर भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ हेरिटेज एंड कल्चरल फॉउंडेशन के आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शोध संगोष्ठी पर आधारित स्मारिका भेंट की गई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार को अभी दो साल हुए है। कोरोना संकटकाल के बावजूद हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में कई विकास कार्य किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आते ही किसानों से 2500 रूपए मूल्य पर धान खरीदा। उन्होंने गोधन न्याय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत् गौ-पालकों से दो रूपए किलो की दर से गोबर की भी खरीदी की जा रही है। उन्होंने बताया कि लोकसभा की स्टैडिंग कमेटी द्वारा इस योजना को देश के अन्य राज्यों में लागू करने का का सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्राचीनकाल से ही सभी क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ ही संस्कृति, इतिहास पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश के गरीब बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दिलाने के लिए जिला मुख्यालयों में प्रथम चरण में 52 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। इस वर्ष 119 नए विद्यालय खोले जा रहे हैं। इस तरह कुल 171 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जाएंगे, इसी तरह नवा रायपुर में गरीब बच्चों के लिए सर्व सुविधायुक्त बोर्डिंग स्कूल खोला जा रहा हैं।
खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ हमेशा से देवभूमि रहा है। यहां शिव, वैष्णव, बौद्ध धर्मों के प्रमुख केन्द्र भी है। महोत्सव को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने भी संबोधित किया। इस मौके पर संसदीय सचिव एवं विधायक सर्वश्री विनोद चंद्राकर, द्वारिकाधीश यादव एवं किस्मत लाल नंद, जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा पटेल, जनपद अध्यक्ष त्रिलोकी ध्रुव, सरपंच ललित ध्रुव सहित देश के अलग-अलग प्रांतों से आए धम्म, कला-स्थापत्य, संस्कृति, साहित्य, इतिहासकार बुद्धजीवी उपस्थित थे।