सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित खाद्य और पोषण सुरक्षा संबंधी योजनाओं की शिकायतों का होगा त्वरित निराकरण : मुख्यमंत्री
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ राज्य खाद्य आयोग की वेबसाइट khadya.cg.nic.in/cgsfc/ का लोकर्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित खाद्य और पोषण सुरक्षा से जुड़ी 5 योजनाओं की शिकायतों का त्वरित और पारदर्शी तरीके से निराकरण हो सकेगा। इन योजनाओं के हितग्राही आवश्यकता होने पर सीधे वेबसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें राज्य खाद्य आयोग के कार्यालय या इससे संबंधित कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी।
श्री बघेल ने कहा कि राज्य खाद्य आयोग का गठन सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्यान्ह भोजन योजना, पूरक पोषण आहार योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना और छात्रावास आश्रमों को बीपीएल दर पर पोषण आहार सहायता योजना के क्रियान्वयन की निगरानी और शिकायत निवारण के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के भ्रमण में जाने पर कई बार इन योजनाओं के संबंध में शिकायतें मिलती रही हैं। लेकिन शिकायतों के निवारण के लिए अब तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई थी। खाद्य आयोग की इस वेबसाइट के माध्यम से ऐसी शिकायतों का पारदर्शी तरीके से त्वरित निराकरण हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गठित किए गए इस आयोग के माध्यम से खाद्य एवं पोषण सुरक्षा संबंधी योजनाओं की सतत् निगरानी और मूल्यांकन किया जाएगा। तकनीक का उपयोग कर शिकायत निवारण की बेहतर प्रणाली आयोग द्वारा बनायी गई है। इस वेबसाइट पर कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान से अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे। वेबसाइट पर ही शिकायत के निराकरण की स्थिति की जानकारी भी मिल सकेगी। श्री बघेल ने कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार ने भोजन का अधिकार कानून के तहत हर व्यक्ति को पांच किलो अनाज देने का अधिकार दिया था। छत्तीसगढ़ में प्रति परिवार 35 किलो चावल दिया जा रहा है। उन्होंने इस अच्छी पहल के लिए राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष सहित अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इस अवसर पर कहा कि हमारी कोशिश है कि राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से पारदर्शिता के साथ हो। इस वेबसाइट से इस कार्य में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट के माध्यम से आयोग की कार्य प्रणाली का लोगों के बीच अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होगा और वे योजनाओं का लाभ बेहतर ढंग से उठा सकेंगे। राज्य सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा। छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरूप्रीत सिंह बाबरा ने कहा कि काफी कम समय में राज्य खाद्य आयोग द्वारा यह वेबसाइट तैयार की गई है। इसके माध्यम से लोगों की शिकायतों का त्वरित निराकरण हो सकेगा। खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने आयोग की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य खाद्य आयोग द्वारा जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को शिकायत निवारण अधिकारी बनाया गया है। शिकायतकर्ता सीधे राज्य खाद्य आयोग में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। राज्य खाद्य आयोग स्वयं भी शिकायतों के बारे में संज्ञान ले सकेगा। राज्य खाद्य आयोग को सिविल कोर्ट का दर्जा प्राप्त है।
राज्य खाद्य आयोग के सदस्य सचिव राजीव जायसवाल ने बताया कि अब तक 634 शिकायतें दर्ज की गई थी, जिनमें से 560 निराकृत कर दी गई है। कार्यक्रम में यह भी जानकारी दी गई कि खाद्य और पोषण सुरक्षा योजनाओं के हितग्राही इस वेबसाइट पर अपने सुझाव भी दर्ज करा सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य खाद्य आयोग की निगरानी के अधीन योजनाओं के हितग्राहियों को पात्रतानुसार नियमित रूप से निर्धारित गुणवत्ता की राशन सामग्री प्राप्त न होने की दशा में राज्य खाद्य आयोग की वेबसाइट, खाद्य विभाग के कालसेंटर नम्बर 1967, 1800-233-3663 अथवा राज्य खाद्य आयोग के नंबर 0771-2972924 में सीधे शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा सहित प्रदीप चौबे और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री निरंजनदास भी उपस्थित थे।