मुख्यमंत्री ने बिलासपुर में छत्तीसगढ़ राजस्व मण्डल के नए भवन का किया ई-लोकार्पण
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में बिलासपुर में छह करोड़ 11 लाख रूपए की लागत से छत्तीसगढ़ राजस्व मंडल के नवनिर्मित भवन का ई-लोकार्पण किया। उन्होंने बिलासपुर में इस बहुप्रतीक्षित भवन के लोकार्पण पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब बेहतर और व्यवस्थित कार्यालय के मिलने से राजस्व मंडल के कार्यों में और तेजी आएगी। इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू और बिलासपुर से राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, राजस्व मंडल के अध्यक्ष सी.के. खेतान, महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा तथा क्षेत्रीय विधायकगण शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में भूमि का व्यवस्थित रिकार्ड रखने और भूमि संबंधी विवादों का निपटारा करने में राजस्व न्यायालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां एक सर्वसुविधायुक्त और व्यवस्थित कार्यालय के मिलने से राजस्व प्रकरणों के निपटारे तथा मंडल के कार्यों में और गति आएगी। उन्होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 44 प्रतिशत भूमि में वन है और 76 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में राजस्व प्रशासन के कार्यों को व्यवस्थित करने और उन्हें गतिशीलता प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इस दिशा में एक और कड़ी जोड़ते हुए आज बिलासपुर में राजस्व मंडल के नये कार्यालय भवन का लोकार्पण हुआ है। इससे आम आदमी को काफी सहुलियत होगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि राजस्व मामलों के लिए राजस्व मंडल सबसे बड़ा न्यायालय है। संभाग स्तर के राजस्व न्यायालयों के निर्णयों की अपील राजस्व मंडल में होती है। प्रदेश में राजस्व प्रशासन को मुस्तैद बनाने और आम जनता की सहुलियत के लिए हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले सहित 23 नई तहसीलों का गठन किया गया है। इसके अलावा नये अनुभाग भी गठित किए गए हैं। प्रदेश में राजस्व मामलों का समय-सीमा में निराकरण हो, इसके लिए प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। राज्य के 20 हजार गांव में से 19 हजार 743 गांव का डिजिटाइज्ड नक्शा सीट भुईयां एवं भू-अभिलेख भू-नक्शा साॅफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किया गया है। नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर हैदराबाद से हवाई सर्वेक्षण के डाटा के आधार पर दस नगरीय क्षेत्रों में नया राजस्व अभिलेख तैयार कर लिया गया है। नजूल तथा परिवर्तित अभिलेखों का डिजाटाइजेशन पूर्ण कर लिया गया है। जीयो रेफरेंस्ड मैप तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने संबोधित करते हुए कहा कि नये राजस्व मंडल के भवन से अच्छी सुविधा उपलब्ध हो गई है तथा इससे राजस्व प्रकरणों की सुनवाई में और गति आएगी। इसी तरह राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि बिलासपुर में राजस्व मंडल के भवन की आवश्यकता थी, जो आज पूरी हुई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने के साथ-साथ ई-कोर्ट की व्यवस्था की गई है। ई-कोर्ट के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में और पारदर्शिता तथा तेजी आयी है।
कार्यक्रम में राजस्व मंडल के अध्यक्ष सी.के. खेतान ने स्वागत उद्बोधन देते हुए बताया कि बिलासपुर में पुराने राजस्व मंडल कार्यालय के समीप ही 6 करोड़ 11 लाख रूपए की लागत से नया भवन बनाया गया है। इस भवन में तीन कोर्ट-रूम, आधुनिक पद्धति के साथ अभिलेखागार, एक सभाकक्ष, बार रूम और लाइब्रेरी आदि कक्ष बनाए गए हैं। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन सचिव राजस्व मंडल बी.एस. उइके ने किया। इस अवसर पर विधायक रश्मि आशीष सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव राजस्व रीता शांडिल्य उपस्थित थीं।