पर्यावरण संरक्षण के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य को बढ़ाने का जरिया बनेगा जैव विविधता उद्यान : मुख्यमंत्री

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के शुभारंभ अवसर पर दुर्ग जिले के अंतर्गत पाटन तहसील के ग्राम फुण्डा में जैव विविधता उद्यान का वर्चुअल भूमिपूजन किया। लगभग 20 एकड़ के क्षेत्र में विकसित किए जा रहे इस उद्यान में जापानी मियावाकी तकनीक का उपयोग करते हुए 100 से अधिक प्रजाति के 3 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इनमें मुख्यतः हल्दू, बीजा, मुंडी, चंदन, महोगनी तथा नीम जैसे प्रजातियां शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इसका शिलान्यास करते हुए कहा कि फुण्डा में विकसित किए जा रहे जैव विविधता उद्यान से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीणों में जन जागरूकता लाने में काफी मदद मिलेगी। यह बहुआयामी योजना स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ विद्यार्थियों तथा भावी पीढ़ियों के लिए शैक्षणिक ज्ञान का महत्वपूर्ण स्त्रोत भी होगी। यह परियोजना क्षेत्र के प्राकृतिक सौन्दर्य को बढ़ाने और पर्यावरण को स्वस्थ तथा स्वच्छ बनाने का भी जरिया बनेगी।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि यह परियोजना आगामी 5 वर्षों में 80 लाख रूपए की लागत से पूर्ण की जाएगी। योजना से पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीणों में अपने पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। वन मंडलाधिकारी दुर्ग जी. धम्मशील ने बताया कि मियावाकी तकनीक में पौधों की विभिन्न प्रजातियों को एक-दूसरे के करीब लगाया जाता है, ताकि पौधों की प्राकृतिक रूप से वृद्धि हो सके। इसके परिणाम स्वरूप वृक्षारोपण लगभग 30 गुना सघन हो जाता है और 10 गुना तेजी से बढ़ता है। इसके तहत वृक्षारोपण तीन साल की अवधि के बाद रख-रखाव मुक्त हो जाता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय राजेश तिवारी एवं विनोद वर्मा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में उपस्थित थे।

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