गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री की तीन बड़ी घोषणाएं: आगामी शिक्षा सत्र से शालाओं में छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, भतरी, सरगुजिया, कोरवा, पांडो, कुडुख, कमारी में भी होगी पढ़ाई की व्यवस्था
रायपुर(आईएसएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग परेड मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इस अवसर पर उन्होंने जनता के नाम अपने संदेश में कहा कि गणतंत्र की सफलता की कसौटी जनता से सीखकर, उनकी भागीदारी से, उनके सपनों को पूरा करने में है। श्री बघेल ने प्रदेशवासियों को देश के 71वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि छत्तीसगढ़ की माटी और छत्तीसगढ़ की जनता से बड़ी कोई पाठशाला नहीं है।
मैं जितनी बार बस्तर आता हूं, सरगुजा जाता हूं या गांव-गांव का दौरा करता हूं तो हर बार मुझे कोई नई सीख जरूर मिलती है। लोहण्डीगुड़ा ने हमें आदर्श पुनर्वास कानून के पालन की सीख दी तो आदवासियों की जमीन वापसी से छत्तीसगढ़ सरकार को अपार यश मिला। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी में सम्बोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि जम्मो संगी-जहुंरिया, सियान-जवान, दाई-बहिनी अऊ लइका मन ला जय जोहार, 71वें गणतंत्र दिवस के पावन बेरा म आप जम्मो मन ल बधाई अउ सुभकामना देवत हंव।