गोबर विक्रेताओं को पहला भुगतान 5 अगस्त को अनिवार्य रूप से हो : मुख्य सचिव
रायपुर(आईएसएनएस)। मुख्य सचिव आर.पी.मंडल ने आज यहां चिप्स कार्यालय में गोधन न्याय योजना की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा करते हुए सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री के मंशानुसार गोबर बेचने वाले विक्रेताओं और अन्य हितग्राहियों को 15 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने हितग्राहियों को 5 अगस्त को पहला भुगतान हर हालत में किए जाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे सभी गोबर बेचने वाले जो 1 अगस्त तक गोबर बेचेंगे। उन सबके बैंक खाता खोलने के निर्देश दिए गए। सभी गौठान समितियों के खाता कॉपरेटिव बैंक में अनिवार्य रूप से खोलने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर बेेचने वाले हितग्राहियों को निर्धारित समय-सीमा में भुगतान सुनिश्चित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन की अध्यक्षता में बनायी गयी है। इस समिति में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, कृषि विभाग के सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता तथा सहकारिता विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. शामिल हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि जिला कलेक्टर किसी प्रकार की समस्या आने पर अमिताभ जैन अपर मुख्य सचिव वित्त एवं समिति के अन्य सदस्यों से सम्पर्क स्थापित कर समस्या का निराकरण कर सकते हैं। ये सभी अधिकारी प्रतिदिन जिलों के कलेक्टरों से गोबर विक्रताओं के लिए ऑनलाईन भुगतान की लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे अपर मुख्य सचिव वित्त के सतत सम्पर्क में रहे। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों को उनके द्वारा बेचे गए गोबर का भुगतान 15 दिवस में भुगतान उनके बैंक खाता में ऑनलाईन हो जाए, इसके लिए स्थायी सिस्टम तैयार किया जाए। इसके लिए अधिकारियों को समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि खरीदे गए गोबर की सुरक्षा सुनिश्चित हो, इसके लिए समुचित व्यवस्था की जाए। गोठानों में वर्मी टांका तथा वर्मी बेड बनाने और उनमें उच्च गुणवत्ता की वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार की जाए। गौठानों में गोबर खरीदने, वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए जिलों के गौठानों के लिए विभिन्न विभागों के मैदानी अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाए। इन अधिकारियों को अलग-अलग चार-पांच गौठानों की जिम्मेदारी दी जाए। समीक्षा के दौरान नगरीय क्षेत्र के गौठानों और वनक्षेत्रों में संयुक्त वन प्रबंधन समिति के द्वारा आवर्ती चराई योजना के अन्तर्गत बने गौठानों में भी गोबर क्रय करने एवं हितग्राहियों को समय-सीमा में भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं। सभी गौठानों में शेडनुमा वृक्षों के पौधे रोपित किए जाएं। इसमें आम, बरगद, पीपल, बहेड़ा सहित अन्य फलदार पौधों का रोपण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह से मुख्य सचिव ने राम वन गमन पथ में आने वाले मार्गाें पर 31 जुलाई तक अनिवार्य रूप से वृक्षारोपण करने के भी निर्देश दिए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रत्येक जिले में गोबर विक्रताओं के भुगतान, हितग्राहियों की संख्या, उनके बैंक खाता, हितग्राहियों का पंजीयन सहित ऑनलाईन भुगतान की व्यवस्था और 5 अगस्त को गोबर विक्रेताओं को पहला भुगतान करने की व्यवस्था की समीक्षा की गयी है।
इस अवसर पर पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरव द्विवेदी, उद्योग एवं विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, कृषि सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.एम.गीता, सहकारिता विभाग के सचिव प्रसन्ना आर और नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी. ने भी कलेक्टरों से गोधन न्याय योजना के अन्तर्गत आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में जिलों से सभी संभागायुक्त, कलेक्टर्स, वनमंडलाधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहकारी बैंक तथा उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने हिस्सा लिया।