हाट-बाजार क्लीनिक से दूरस्थ इलाकों के ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही योजना
रायपुर। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना दूरस्थ इलाकों के ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है। हाट-बाजार में आने वाले लोगों को अब हाट-बाजार में ही क्लीनिक से स्वास्थ्य जांच और उपचार का लाभ मिलने से आसानी हो गई है। छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल बलरामपुर-रामानुजगंज में ऐसे दुर्गम इलाके जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की त्वरित उपलब्धता नहीं है, वहां स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच के लिए 76 हाट-बाजारों में यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत मोबाइल टीम, चिकित्सकों और आवश्यक उपकरणों सहित पहुंचकर लोगों का इलाज कर रही है। इसके साथ ही अन्य जांच भी मौके पर की जाती है। यहां लोगों को निःशुल्क दवाएं भी दी जा रही है।
अभियान का ग्रामीणों को मिलने वाले लाभ का अंदाजा क्लीनिक में इलाज कराने वालों के आंकड़ों से लगाया जा सकता है। जिले में अगस्त माह में 108 हाट-बाजारो में मेडिकल टीम ने 4 हजार 478 मरीजों का उपचार किया। इसी तरह सितम्बर माह में 262 हाट-बाजारों में 6 हजार 743 मरीजों तथा 1 से 23 अक्टूबर तक 154 हाट-बाजारों में 2 हजार 469 मरीजों ने अपना इलाज कराया है। बलरामपुर जिले के ग्र्राम संतोषीनगर (खैरवार पारा) निवासी बैजनाथ कातिया ने बताया कि मैं लकवा का भी मरीज हूं इसलिए चार किलोमीटर चलकर जिला चिकित्सालय में निरंतर जांच कराना मेरे लिए संभव नहीं है। इसलिए मैं नजदीक के हाट-बाजार के क्लीनिक पहुंचा। डॉक्टर ने तुरंत मेरे ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच कर आवश्यक परामर्श और दवाईयां दीं। उन्होंने कहा कि हाट-बाजार क्लीनिक से अब मुझे उपचार में आसानी हो रही है। यह योजना बहुत ही साकारात्मक और लाभप्रद है, इसके लिए मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं।
उप स्वास्थ्य केन्द्र दलधोवा अंतर्गत सोनहरा निवासी जदुराम ने बताया कि सामान खरीदने सप्ताहिक बाजार जाने पर उन्हें हाट बाजार क्लीनिक के बारे में पता चला। उन्हें भी काम के दौरान अत्यधिक थकावट और कमजोरी मंहसूस होती थी और सांस फूलती थी। इसलिए उन्होंने तुरंत क्लीनिक पहुंचकर चिकित्सक से अपनी परेशानी बतायी। चिकित्सा दल द्वारा प्राथमिक जांच की गयी। चिकित्सक की सलाह पर उन्होंने अंबिकापुर अस्पताल से पूरी जांच करावाया। श्री जदूराम ने बताया कि अब मैं खुद को स्वस्थ्य महसूस कर रहा हूं। इस योजना से मुझे बहुत लाभ हुआ है।