जलवायु परिवर्तन संबंधी कार्यशाला सम्पन्न, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के उचित प्रबंधन पर दिया गया जोर

रायपुर(आईएसएनएस)। छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केन्द्र द्वारा राजधानी रायपुर में 22 तथा 23 जनवरी को ‘ग्रीन हाउस गैस इन्वेंट्री कैपीसिटी बिल्डिंग एण्ड स्टॉकटेकिंग-छत्तीसगढ़’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिनिधि और राज्य के वन, कृषि, जल संसाधन तथा शहरी विकास विभाग के अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने सम्बोधित करते हुए वर्तमान में तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसके प्रभावों पर गहराई से ध्यान देते हुए उचित प्रबंधन के लिए विशेष जोर दिया। कार्यशाला को वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए ग्रीन हाउस गैस संबंधी आंकड़ों के एकत्रीकरण के लिए व्यवस्थित प्रणाली विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने राज्य शासन द्वारा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में भी अवगत कराया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने राज्य में उपलब्ध जन तथा प्राकृतिक संसाधनों की जानकारी देते हुए प्रति व्यक्ति ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन पर विशेष ध्यान रखने की बात कही। साथ ही उन्होंने राज्य में औद्योगिक विकास तथा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में उचित तालमेल बनाए रखने पर जोर दिया। कार्यशाला में प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने राज्य में जलवायु परिवर्तन विषयक जागरूकता की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा वन बल प्रमुख मुदित कुमार सिंह द्वारा राज्य में जलवायु परिवर्तन पर किए जा रहे विभिन्न कार्यों तथा उपायों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना ‘नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी-छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी’ के अंतर्गत कार्बन भण्डार के अध्ययन की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

कार्यक्रम के तकनीकी शाखा में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, राज्य वन अनुसंधान संस्थान जे.ए.सी. एस राव द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की जलवायु परिवर्तन संबंधी कार्ययोजना विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। कार्यक्रम के आयोजन में द क्लाईमेट गु्रप लंदन, द एनर्जी एण्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट नई दिल्ली और रिकार्डो एनर्जी एण्ड इंवायरोमेंट लंदन का भी योगदान रहा।

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