मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020-21 के बजट की तैयारियों के संबंध में उद्योग और व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ किया विचार-विमर्श
रायपुर(आईएसएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास पर आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ के उद्योग और व्यापार जगत के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श किया। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, उद्योग विभाग के संचालक अनिल टुटेजा सहित फिक्की, सीआईआई, उरला इंडस्ट्रिज एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कामर्स और क्रेडाई सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में प्रतिनिधियों ने छत्तीसगढ़ के व्यापार और उद्योग जगत को बढ़ावा देने के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने इन सुझावों पर गंभीरता से विचार कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बैठक में मिले अनेक सुझावों पर सहमति भी दी।
व्यापार और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री की इस पहल की सराहना करते हुए बैठक में कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से छत्तीसगढ़ के उद्योग और व्यापार जगत में उछाल आया है। उद्योग और व्यापार जगत प्रतिनिधियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योगों में बिजली की खपत में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है जबकि अन्य उद्योगों में 15 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है। प्रतिनिधियों ने बताया कि सात वर्षाें तक नकारात्मक वृद्धि वाले प्रदेश के लघु उद्योगों में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रतिनिधियों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए किसानों की कर्ज माफी और 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी जैसी योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव छत्तीसगढ़ के उद्योग और व्यापार जगत पर पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश के इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में अग्निशमन केन्द्र खोलने, एनएमडीसी से छत्तीसगढ़ के स्पंज और आयरन उद्योगों को उचित मूल्य पर आवश्यकतानुसार आयरन ओर उपलब्ध कराने, फ्लाई एश से होने वाले प्रदूषण को रोकने और इसकी खपत बढ़ाने के लिए रायपुर से लेकर रायगढ़ जैसे मैदानी इलाकों में सड़कों के निर्माण में फ्लाई एश के उपयोग को बढ़ावा देने की पहल की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में कौशल विकास केन्द्र और आईटीआई प्रारंभ करने, स्कूलों में ‘उद्यमशीलता पर पाठ्यक्रम‘ (इंटरप्रोन्यूरशिप क्यूरिकुलम) प्रारंभ करने के सुझाव पर विचार करने, नगरनार सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में छोटे और लघु उद्योगों के कलस्टर विकसित करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने, बस्तर तथा प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के प्रस्तावों को जल्द मंजूरी प्रदान करने का आश्वासन दिया। उद्योग प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार की नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत नालों की रिचार्जिंग योजना की सराहना की। प्रतिनिधियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना, ग्रीन एनर्जी और प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के सुझाव भी दिए। बैठक में उद्योग और व्यापार जगत के प्रतिनिधियों ने रायपुर के व्यवसायी प्रवीण सोमानी की सकुशल वापसी के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई पहल और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा की गई तत्परता से कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। बैठक में सीआईआई के बी.एल. अग्रवाल, फिक्की की छत्तीसगढ़ इकाई के चेयरमेन प्रदीप टंडन, विजय आनंद झंवर, भार्गव, सीआईआई के रमेश अग्रवाल, उरला इंडस्ट्रिज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग और छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कामर्स के जितेन्द्र बरलोटा भी उपस्थित थे।