‘पपेट शो एवं कमिशिबाई थिएटर’
रायपुर। पपेट शो से बच्चों को पढ़ाने में और पढ़ने में आनंद आता है और बच्चे गतिविधि द्वारा खेल-खेल में पढ़ते हैं जिससे बच्चों को पढ़ना रोचक और आनंद लगता है। कमीशीबाई थिएटर द्वारा बच्चों को कहानियां सुनाई व दिखाई जाती है। जब बच्चों को कहानियां सुनाते हैं तो वे उस पर ध्यान नहीं देते। जब बिलासपुर की अमरदीप भोगल बच्चों को कमीशीबाई थिएटर के द्वारा कहानियां सुनाती है, तो इस थिएटर द्वारा बच्चों को कहानियों से संबंधि चित्र भी दिखाती है। जिससे बच्चे कहानी उत्साह पूर्वक देखते हैं और चित्रों से कहानी का आनंद लेते हैं। उनके द्वारा बनाए गए कमीशीबाई थिएटर में कहानियों से संबंधित चित्र रोलिंग द्वारा बदलते हैं। बच्चों को देखने में आनंद आता है और बच्चे विषय वस्तु को रोचक और आनंद पूर्वक खेल-खेल में गतिविधि द्वारा सीखते है। कमीशीबाई थिएटर पूर्णतः कबाड़ व शून्य निवेश द्वारा बनाया गया है।
बच्चों को कहानियां बहुत पसंद होती हैं। जब हमें कुछ भी बच्चों को बताना होता है तो बच्चों को कहानियों द्वारा बताते हैं। पपेट शो द्वारा बच्चों को कहानियां व कविताओं को चित्रों के माध्यम से सुनाया जाता है। जिसमें कहानियां और कविताओं से संबंधित चित्रों को दिखाते हुए कहानी सुनाई जाती है। कहानियां व कविताओं में आने वाले पात्र इत्यादि के चित्रों को एक डंडी में चिपका कर बच्चों को दिखाते हुए कहानी और कविता सुनाई जाती है।