सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश यू.यू. ललित के सामने दन्तेवाड़ा में प्रकरण का निराकरण, लोक अदालत भौतिक उपस्थिति एवं वर्चुअल-वीडियो कान्फ्रेंसिंग दोनों पद्धति से आयोजित की गई
रायपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिसमें तहसील न्यायालयों से लेकर जिला एवं उच्च न्यायालय स्तर तक सिविल, आपराधिक एवं राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए बड़ी संख्या में पक्षकारगण उपस्थित हुए। लोक अदालत भौतिक उपस्थिति एवं वर्चुअल-विडियो कान्फ्रेंसिंग दोनों पद्धति से आयोजित हुई। आज नक्सल प्रभावित जिला दन्तेवाड़ा में की जा रही सुनवाई में अचानक सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष यू.यू ललित वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। लोक अदालत में उस समय आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति का मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित एक प्रकरण का निराकरण की प्रक्रिया चल रही थी, जिसका न्यायमूर्ति यू.यू. ललित ने अवलोकन किया। यह पहला अवसर है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा लोक अदालत में विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़कर लोक अदालत की कार्यवाही का अवलोकन किया गया।
न्यायमूर्ति यू.यू. ललित द्वारा पक्षकारों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा भी की गई। हल्बी बोली बोलने वाले पक्षकारों की बातों को समझाने के लिये न्यायमूर्ति को अनुवादक की सेवाएं उपलब्ध कराई गई। मृतक बोकले नागेश की दुर्घटना में मृत्यु पर मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण दंतेवाडा के न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी के न्यायालय में मृतक की पत्नी, मां तथा पिता के द्वारा वाहन चालक, वाहन स्वामी एवं यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंश कम्पनी के विरूद्ध 18 जनवरी 2021 को क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का मामला पेश किया गया था। विगत 2 नंवबर 2020 को प्रातः दंतेवाडा से 125 कि.मी. दूर ग्राम फन्दीगुड़ा मोड के पास ट्रक दुर्घटना में आवेदक के बेटे की मृत्यु हो गई थी, जिसकी क्षतिपूर्ति के रूप में 12 लाख रूपये के मुआवजे में पक्षकारों के मध्य समझौता होने की प्रक्रिया विडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान पूर्ण हुई। समझौते की राशि यूनाईटेड इंडिया इंश्यारेंश कम्पनी लिमिटेड के द्वारा भुगतान किया जावेगा।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर तथा अशोक जैन, सदस्य सचिव, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, अब्दुल जाहिद कुरैशी, जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दन्तेवाड़ा तथा सिद्धार्थ अग्रवाल, सदस्य सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर, शहाबुद्दीन कुरैशी सीपीसी भी विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रकरण की सुनवाई के समय जुड़े रहे। न्यायमूर्ति यू.यू. ललित के द्वारा तहसील न्यायालय केशकाल में पुनीतराम गुरूपंच, न्यायिक मजिस्टेªट प्रथमश्रेणी तथा जिला न्यायालय जगदलपुर में निधि शर्मा तिवारी, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के न्यायालय में चल रही नेशनल लोक अदालत का विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जानकारी ली। विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के लिए उच्च न्यायालय की कम्प्यूटराईजेशन कमेटी के चेयरमेन न्यायमूर्ति मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में रजिस्ट्रार शहाबुद्दीन कुरैशी द्वारा पूरे प्रदेश भर के न्यायालयोें को वीडियो कान्फेसिंग के लिंक से जोड़ने का महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।