शहरी विकास में हितकारी निर्णय : नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सार्थक प्रयास
रायपुर(आईएसएनएस)। छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं को नगरीय निकायों के विकास में सहभागी बनाने और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए 21 साल के नव युवा को महापौर व अध्यक्ष पद का पात्र बनाया है। वहीं लोकतांत्रिक मूल्यों और कार्यप्रणाली के साथ ही स्वच्छता एवं स्वास्थ्य को बड़ी प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना, स्वच्छता दीदी के मानदेय में वृद्धि से नई शुरूआत हुई है। अब शहरी जीवन में सुधारों का नया रंग दिखाई पड़ने लगा है।
प्रदेश के नगरीय निकायों के विकास को गति देने और शहरी विकास में सहभागिता के लिए महापौर और अध्यक्ष के लिए निर्धारित आयु सीमा 25 वर्ष को घटाकर 21 वर्ष कर दी गई है। इससे युवा नये जोश और उत्साह के साथ राज्य के विकास को गति देंगे और यही युवा पीढ़ी आने वाले समय में विकास की बागडोर सम्भालेंगे। साथ ही दिव्यंागजनों को नेतृत्व प्रदान करने के लिए नगरीय निकायों में एल्डरमेन के लिए पद आरक्षित किया गया है। वहीं जनप्रतिनिधियों को पुनः वित्तीय अधिकार देकर उन्हें सम्मान दिया गया।
शहरी भूमिहीन परिवारों को पट्टा प्रदान करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया गया। पट्टों के नियमितीकरण से लगभग एक लाख से अधिक शहरी गरीब लाभान्वित हुए। मोर जमीन मोर मकान योजना के तहत मात्र 10 माह में 40 हजार आवास पूर्ण कर लिए गए हैं। किफायती आवास योजना के तहत 1250 करोड़ रूपए लागत के 28 हजार 694 नवीन आवास की स्वीकृति प्रदान की गई है। पारंपरिक और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने पौनी-पसारी योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में सुव्यवस्थित बाजारों का विकास किया जा रहा है। इस से पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े लाखों लोग लाभान्वित होंगे। भू-जल संवर्धन के लिए आवासीय, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया गया है। बिजली की खपत कम करने कन्वेन्शनल स्ट्रीट लाइट का एलईडी लाइट में परिवर्तन किया जा रहा हैं।
लोगों की समस्याओं को वार्ड स्तर पर समाधान के लिए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना प्रारंभ की गई है। 13 नगर निगमों में 75 वार्ड कार्यालय के जरिए सैकड़ों समस्याओं का स्थल पर ही समाधान हो रहा है। नगर निगमों के 661 स्थाई-अस्थाई स्लम बस्तियों में निवासरत दो लाख परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत चलित अस्पताल प्रारंभ किए गए हैं। शहरी स्वच्छता को नियमित और बेहतर बनाने के लिए स्वच्छता दीदियों का मानदेय छह हजार कर उन्हें सम्मान दिया है।