विकास में कोई भी पीछे न छूटे: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार का विकास एजेण्डा और राज्य सरकार की योजनाएं संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य से जुड़ी हुई हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि विकास में कोई भी पीछे न छूटे। राज्य सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में सतत विकास लक्ष्य की समीक्षा के लिए गठित राज्य स्तरीय सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) संचालन समिति की प्रथम बैठक कोे सम्बोधित कर रहे थे। संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभा द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों में गरीबी खत्म करना, पर्यावरण की रक्षा, आर्थिक असमानता को कम करना और सभी के लिए शांति और न्याय सुनिश्चित करना शामिल है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं यथा मध्यान्ह भोजन, मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना, सर्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली, हाट बाजार एवं मोहल्ला क्लीनिक योजना, महतारी जतन योजना, राजीव गांधी किसान न्याय, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों के उद्देेश्यों को पूरा करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने सतत् विकास लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’’स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ तथा उस पर आधारित ’’बेसलाईन एवं प्रोग्रेस रिपोर्ट 2020’’ का विमोचन किया। उन्होंने बैठक में विभागों को सतत् विकास लक्ष्य प्राप्ति हेतु तेजी से काम करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ से लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सुनियोजित रुप से मूल्यांकन, अनुश्रवण और अनुशीलन किया जा सकेगा, जिससे विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कसावट आयेगी और राज्य की रैकिंग में सुधार होगा। इस फ्रेमवर्क में 17 लक्ष्यों के मूल्यांकन हेतु 275 इंडिकेटर्स का निर्धारण किया गया है। फ्रेमवर्क में प्रत्येक इंडिकेटर को विभागों के साथ मैप किया गया है साथ ही विभिन्न योजनाओं की भी मैपिंग की गई है। योजना आयोग द्वारा तैयार किये गए प्रत्येक एस.डी.जी. लक्ष्य हेतु इंडिकेटर्स से सभी लक्ष्यों की समयाबद्ध पूर्ति में विभागों को सहायता मिलेगी तथा व्यवस्थित रुप से मूल्यांकन भी संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य योजना आयोग के स्तर पर एस.डी.जी. सेल गठित करने के प्रस्ताव पर विचार करने की सहमति दी।

श्री बघेल ने कहा कि स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के तर्ज पर जल्द ही डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क का भी निर्धारण किया जाएगा, जिससे सभी जिलों को उनके परफॉरमेंस के आधार पर रैकिंग दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा हाल में ही ’’एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स’’ जारी किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ ने 61 अंक हासिल कर ’’परफार्मर’’ राज्य की श्रेणी में स्थान बनाया है। राज्य ने लैगिंक समानता में पूरे देश में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 सितम्बर 2015 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70 वी बैठक में सतत विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.)को अंतराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अपनाया गया। जिसमें 17 गोल 169 लक्ष्य एवं 231 इन्डिकेटर को स्वीकृत करते हुये सतत विकास के कार्यक्रम को प्रारंभ करने का संकल्प लिया गया। हमारा देश भारत भी इसके लिये संकल्पित है। उसी प्रकार हमारा छत्तीसगढ़ भी मानव कल्याण के इस बड़े अभियान के लिये संकल्पित है। राज्य सरकार के विकास एजेंडा, जनघोषणा पत्र के उद्देश्य में भी, एस.डी.जी. ध्येय के अनुरुप अंत्योदय का संकल्प सम्मिलित है और हम सब इसके लिये प्रतिबद्ध है। एस.डी.जी. के सिद्धान्त के अनुरुप ही राज्य सरकार भी अपनी योजनाओं को इस प्रकार क्रियान्वित कर रही है कि विकास के लाभ अंतिम छोर पर बैठक व्यक्ति तक प्रभावी रुप से पहुंच सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के अभियान में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य योजना आयोग ने सिविल सोसायटी, बिजनेस आर्गेनाइजेशन, विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, विषय विशेषज्ञों एवं युवाओं की कार्यशालायें आयोजित कर संबंधितों को अभियान के प्रति जागरुक करने एवं इससे जोड़ने के प्रयास किए हैं।

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क सतत विकास लक्ष्यों को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने में सहायक होगा। योजना आयोग द्वारा प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तैयार की गई है। जिसमें इंडिकेटरवार प्रगति सूचित की गई है। उन्होंने विभागाध्यक्षों तथा जिला अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं की इसी फ्रेमवर्क के आधार पर मॉनिटरिंग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद राज्य योजना आयोग ने संबंधित विभागों के समन्वय से यह फ्रेमवर्क तैयार करने का सराहनीय प्रयास किया है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इंडेक्स ने लक्ष्यवार राज्य की रैंकिंग में सुधार करने, गुणवत्तायुक्त डाटा संग्रहण की आवश्यकता बताई।

राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह द्वारा एस.डी.जी. निर्धारण हेतु किये गये प्रयास, संस्थागत ढ़ांचा निर्धारण, राज्य एवं जिला स्तर पर अनुश्रवण व अनुशीलन हेतु गठित समितियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसडीजी के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दो समितियां तथा जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता समिति गठित की गई है।

मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने बैठक में बताया कि अभी तक कुछ ही राज्यों ने ’एस.डी.जी. इंडिकेटर फ्रेमवर्क व प्रोग्रेस रिपोर्ट’ का निर्धारण किया है। इंडेक्स में छत्तीसगढ़ राज्य को परफार्मर की श्रेणी में रखा गया है। जिसमें सुधार की काफी संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ द्वारा त्वरित रुप से प्राथमिकता से तैयार किये गये इंडिकेटर फ्रेमवर्क से सर्वांगीण विकास हेतु सभी सेक्टर प्रभावी रुप से सक्रिय हो सकेंगे।

बैठक में योजना एवं साख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा और राजेश तिवारी, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, सदस्य सचिव अनूप कुमार श्रीवास्तव, राज्य योजना आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, श्रम मंत्री शिवकुमार डहरिया, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, सचिव वित्त अलरमेलमंगई डी., आयुक्त योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी शिखा राजपूत तिवारी, युनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकारिया, युनिसेफ के बाल परितोष दास और मेहबूब रहमान वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए।

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