गोस्वामी तुलसीदास ने करोड़ों लोगों को दिखाया कल्याण का मार्ग : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के माध्यम से करोड़ों लोगों को कल्याण का रास्ता दिखाया। मुख्यमंत्री आज दुर्ग जिले के ग्राम महुदा (विकासखंड-पाटन) में मानस संघ द्वारा आयोजित जिला स्तरीय तुलसीदास जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास जी का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि जब मैंने अमृतलाल नागर जी की पुस्तक मानस के राजहंस पढ़ी तो मुझे महसूस हुआ कि कितनी तकलीफों के बीच गोस्वामी तुलसीदास ने राम चरित मानस की रचना की। यह हमें गोस्वामी जी की बड़ी देन है। जितना हम तुलसीदास जी के जीवन को गहराई से समझेंगे, हम अपने लिए भी और लोक कल्याण के लिए भी मार्ग प्रशस्त करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने दुर्ग के ग्राम महुदा में तुलसी जयंती कार्यक्रम में कहा कि तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के माध्यम से करोड़ों लोगों को कल्याण का रास्ता दिखाया। मानस गान हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हमने छत्तीसगढ़ की परंपराओं को 6 महीनों में सहेजने की कोशिश की है। pic.twitter.com/nA0pNZ78lk
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 7, 2019
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कितने ही दिनों गोस्वामी जी ने बेघर और बिना खाये पीए गुजारे लेकिन लोक कल्याण के अपने प्रिय उद्देश्य को नहीं छोड़ा। मानस केवल आध्यात्मिक ग्रंथ ही नहीं एक उत्तम व्यवस्था का आदर्श भी हमारे सामने रखती है। छोटे-छोटे दोहों में कितनी सुंदर बातें कहीं गई हैं। मुखिया कैसा होना चाहिए। पुत्र के क्या कर्तव्य हैं। मित्र के क्या कर्तव्य हैं। हम इसे अपने आचरण में उतारे तो हमारा जीवन बहुत समृद्ध हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने बचपन के दिनों की यादों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि गांव में रात का खाना जल्दी खा लेते थे। फिर मानस गान शुरू होता था। फिर बुजुर्ग लोग इसकी टीका करते थे। वो जिज्ञासाएं भी पूछते इस तरह से श्रवण के साथ ही इसे आचरण के रूप में भी उतारने लोग संकल्पित होते थे। यह हमारे छत्तीसगढ़ की संस्कृति का हिस्सा था लेकिन इसमें कुछ कमजोरी आई है। मुझे छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि मीर अली मीर की वो कविता याद आती है नंदा जाहि का रे। इसमें आशंका जताई गई है कि छत्तीसगढ़ की सुंदर सांस्कृतिक परंपराएं, लोक जीवन कहीं विलुप्त न हो जाये। हमने इन 6 महीनों में इसे सहेजने की विनम्र कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि इस बार हरेली में हम सब खूब गेड़ी चढ़े, खूब आनंद आया। हरेली पर अवकाश घोषित हुआ। तीजा में, कर्मा जयंती में, विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित किया गया। इसके साथ ही किसान भाइयों के लिए कर्ज माफी की गई। 2500 रुपये में धान खरीदी की गई। नरवा, गरुवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के माध्यम से ग्रामीण विकास की सशक्त पहल की गई है। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए आपकी सजग भागीदारी आवश्यक है। जितना बेहतर इसका क्रियान्वयन आप लोग करेंगे। उतना ही बेहतर ग्रामीण विकास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खाद के उपयोग से न केवल फसल की लागत कम होगी अपितु ये सतत विकास के लिए भी बड़ा कदम होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मानस संघ से जुड़े विशिष्ट लोगों का सम्मान भी किया। इस अवसर पर ग्रामीण जन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।