मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री श्री पासवान को लिखा पत्र
रायपुर(आईएसएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखकर कहा है कि वर्तमान में फैली महामारी नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संदर्भ में देश के अन्य राज्यों में पीडीएस के लिए चावल की आवश्यकता की पूर्ति हेतु छत्तीसगढ़ शासन सहयोग हेतु इच्छुक है। उन्होंने इसके लिए खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में भारतीय खाद्य निगम चावल उपार्जन की मात्रा 24 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 31.11 लाख मीट्रिक टन की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में 18.20 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर कुल 83.67 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है। प्रदेश में धान उपार्जन एवं कस्टम मिलिंग चावल जमा करने का कार्य राज्य शासन एवं भारत सरकार खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मध्य हुए एमओयू के अनुसार किया जाता है। राज्य शासन एवं भारत सरकार खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के एमओयू की कंडिका 18 में समस्त सरप्लस चावल भारतीय खाद्य निगम द्वारा उपार्जन किए जाने का प्रावधान है।
मैंने केन्द्रीय खाद्य मंत्री श्री रामविलास पासवान जी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस (कोविड-19) को देखते हुए देश के अन्य राज्यों में पीडीएस के लिए चावल की आवश्यकता की पूर्ति हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सहयोग की इच्छा जाहिर की है। @irvpaswan pic.twitter.com/stKWn9uL8n
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 4, 2020
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार द्वारा 19 दिसम्बर 2019 को भेजे पत्र में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में भारतीय खाद्य निगम में केन्द्रीय पूल अंतर्गत 24 लाख टन उसना चावल उपार्जन की अनुमति प्रदान की गई है। प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में कुल खरीदी 83.67 लाख मीट्रिक टन धान से निर्मित होने वाले चावल 56.51 लाख मीट्रिक टन में से राज्य के द्वारा पीडीएस की आवश्यकता हेतु 25.40 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन किया जाएगा। (सेंट्रल पूल 15.48 लाख मीट्रिक टनए स्टेट पूल 9.92 लाख मीट्रिक टन) एवं शेष 31.11 लाख मीट्रिक टन चावल सरप्लस होगा। इसमें से भारत सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम में 24 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन की अनुमति दिए जाने से कुल उपार्जित धान में से 73.20 लाख मीट्रिक टन धान का ही निराकरण संभव हो सकेगा एवं लगभग 10.47 लाख मीट्रिक टन धान (अनुपातिक चावल 7.11 लाख मीट्रिक टन ) अनिराकृत स्थिति में रहेगा। राज्य शासन द्वारा पूर्व में भी 25 फरवरी 2020 को भेजे गए अर्द्ध शासकीय पत्र के माध्यम से भारतीय खाद्य निगम में चावल की उपार्जन की मात्रा बढ़ाकर 31 लाख टन किए जाने का अनुरोध किया गया था।
वर्तमान में फैली महामारी नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संदर्भ में देश में अन्य राज्यों में पीडीएस के लिए चावल की आवश्यकता की पूर्ति हेतु छत्तीसगढ़ शासन सहयोग हेतु इच्छुक है, इसके लिए खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में भारतीय खाद्य निगम में चावल उपार्जन की मात्रा 24 लाख टन से बढ़ाकर 31.11 लाख टन किए जाने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध है।