विशेष लेख : सड़कों के निर्माण से विकास के रास्ते खुले, ग्रामीण और पहुंचविहीन बसाहटों को जोड़ने सड़कों का बिछ रहा जाल

गरियाबंद। सड़के विकास की धुरी होती है। सड़कों के निर्माण से विकास के नये रास्ते खुलते है। खासकर ग्रामीण इलाको में यदि सड़कों की सुविधा हो तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिलता है। साथ ही लोगों को सुलभ और सहज आवागमन का आनंद मिलता है। जिले में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण जीवन शैली में सुधार लाने के लिए पहुंच विहीन बसाहटों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, जिससे ग्रामीणजन व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य से सीधे जुड़ सकेंगे। जिले के दूरस्थ एवं वनांचल क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से नवीन सड़कों का निर्माण कर पहुंचविहीन बसाहटों को मुख्य मार्ग से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता पी.के. वर्मा ने बताया कि जिला गरियाबंद अंतर्गत वर्ष सन् 2000 से वर्ष 2020-21 तक पीएमजीएसवाई- 1, 2, 3 के निर्माण कार्यों के माध्यम से जिला के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र एवं पहुंचविहीन ग्रामों को सड़क के माध्यम से जोड़कर ग्रामीण जीवन को मुख्यधारा में जोड़ा गया, जिससे ग्रामीणों एवं आम नागरिकों को सुलभ आवागमन के साथ समय की बचत हुई है। पीएमजीएसवाई-1 अंतर्गत कुल 192 सड़कें जिसकी लंबाई 1087.39 किलोमीटर है, का कार्य पूर्ण किया गया है, जिससे गरियाबंद जिले के 445 बसाहटे आपस में सड़क के माध्यम से जुड़ी हुई है। वर्ष 2017-18 में उन्नयन कार्य के माध्यम से पीएमजीएसवाई-2 के 05 सड़क लंबाई 76.315 किलोमीटर का पूर्ण किया गया है। वर्तमान में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कुल 19 मार्ग पीएमजीएसवाई-3 अंतर्गत स्वीकृत है। जिसकी लंबाई 227.08 है। उक्त कार्य जिले के सड़कों का उन्नयन हेतु किया जा रहा है।

अनुविभागीय अधिकारी आर.बी. पटेल ने बताया कि विकासखंड मैनपुर अंतर्गत मार्ग सीनापाली से गोहरापदर एवं खरीपथरा से अमलीपदर सड़कों में डामरीकरण पूर्ण हो चुका है। जिसका लाभ ग्रामीणों को परोक्ष रूप से मिल रहा है। सड़क का चौड़ीकरण होने से दुर्घटनाएं कम हुई है। ग्राम घुमरापदर से खोखमा मार्ग में डब्ल्यू.एम.एम. का कार्य किया जा रहा है। सड़क के कार्य पूर्ण हो जाने पर लगभग 20 ग्राम के लगभग 50 हजार नागरिकों एवं आमजनता को परोक्ष रूप से आर्थिक एवं समय की बचत होगी। सभी प्रगतिरथ कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी विभाग द्वारा सतत रूप से की जा रही है। साथ-साथ कार्यों की गुणवत्ता का परीक्षण राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक, राज्य गुणवत्ता संरक्षक एवं विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा सतत् रूप से किया जा रहा है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.