जनचौपाल में मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल, बुनकर सहकारी समितियों को कपड़ा तैयार करने जल्द की जाएगी धागे की आपूर्ति

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चार माह से स्कूली गणवेश वस्त्रों की बुनाई के लिए बुनकर सहकारी समितियों को धागे की आपूर्ति नहीं होने की शिकायत को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बुनकर सहकारी समितियों को धागे की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री से चर्चा कर अगले वर्ष स्कूलों में गणवेश आपूर्ति का आदेश राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ को तत्काल जारी कराने के निर्देश सचिवालय के अधिकारियों को दिए हैं।

जन-चौपाल में धमतरी जिले की विभिन्न सहकारी समितियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें अपनी यह समस्या बतायी। मुख्यमंत्री ने उनकी बातें सहानुभूतिपूर्वक सुनी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में हाथकरघा विभाग के अधिकारियों से मौके पर जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि हर वर्ष स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ को स्कूलों में गणवेश आपूर्ति का आदेश एडवांस में दे दिया जाता है। इस वर्ष यह आदेश जारी नहीं हुआ है इसलिए बुनकर सहकारी समितियों को धागे की आपूर्ति नहीं हो पायी है।

मुख्यमंत्री ने बुनकर समितियों को जल्द धागा आपूर्ति कराने का आश्वासन दिया। ज्ञातव्य है कि प्रतिवर्ष शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए लगभग 60 लाख गणवेशों की आपूर्ति की जाती है। इस कार्य में प्रदेश की 234 बुनकर सहकारी समितियों के लगभग 54 हजार बुनकरों को वस्त्र बुनाई का काम मिलता है और उन्हें मजदूरी के रूप में लगभग 75 करोड़ 16 लाख रूपए की मजदूरी का भुगतान किया जाता है। बुनकर सहकारी समितियां गणवेश के लिए हर वर्ष लगभग डेढ़ करोड़ मीटर कपड़ा तैयार करती हैं। इस कपड़े से प्रदेश के 727 महिला स्व-सहायता समूहों की लगभग 10 हजार महिलाओं द्वारा गणवेश तैयार किए जाते हैं। महिलाओं को गणवेश की सिलाई के रूप में लगभग 26 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान किया जाता है। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा और विकास उपाध्याय तथा नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे उपस्थित थे।

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