नियमित देखभाल और उचित पोषण से रिहान को मिली कुपोषण से मुक्ति
रायपुर(आईएसएनएस)। नियमित देखभाल और उचित पोषण से बच्चों की सेहत पर जल्द असर देखा जा सकता है। ऐसा ही असर जशपुर जिले के पत्थलगांव के नन्हे बालक रिहान बघेल की सेहत में देखने को मिला है। दिसम्बर 2018 में मनोज बघेल के घर जन्मे एक साल के रिहान का वजन जन्म के समय मात्र डेढ़ किलोग्राम था। रिहान के कम वजन का पता चलते ही पत्थलगांव के आंगनबाड़ी केन्द्र दर्रापारा की कार्यकर्ता संतोषी खुंटे रिहान के घर गृह भेंट करने पहुंचीं और बच्चे का वजन लेकर सतत् स्तनपान हेतु रिहान की मां कंचन बघेल को सलाह दी साथ ही रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया। श्रीमती खूंटे ने रिहान के माता-पिता, दादा-दादी और घर के अन्य सदस्यों को कंगारू मदर केयर के बारे में भी बताया कि कंगारू मदर केयर में बच्चे को ज्यादा से ज्यादा शरीर के सम्पर्क में रखना व गर्माहट देना होता है,इससे बच्चे की सेहत में सुधार होता है।
सेक्टर पर्यवेक्षक ने भी रिहान के परिवार से सम्पर्क कर मॉनिटरिंग जारी रखी। निरंतर मॉनिटरिंग और उचित सलाह से धीरे-धीरे बच्चे का वजन बढते गया। दो माह में ही बच्चे का वजन बढ़कर तीन किलो से अधिक हो गया। कार्यकर्ता ने फिर गृह भेंट कर बच्चे की मां को खानपान के बारे बताया और सुपोषण चौपाल के माध्यम से भोजन में हरी साग-सब्जी शामिल करने कहा गया। जिसमें भाजियों व स्थानीय साग-सब्जियों को उपयोग में लाने की सलाह दी गयी। सेहत के लिए मुनगा भाजी और अन्य भाजियों के सेवन का लाभ भी बताया। रिहान के छः माह के होने पर उसका आंगनबाड़ी केन्द्र में अन्नप्राशन कराया गया तथा खाना में क्या खिलाना चाहिए तथा कितनी मात्रा में खिलाना है के संबंध में जानकारी दी गयी। रिहान को बाल संदर्भ के तहत चिकित्सा और पोषक आहार उपलब्ध कराया गया। इससे रिहान का वजन बढ़ते गया और दिसम्बर 2019 में बढ़कर 8 किलो से भी अधिक हो गया। नियमित देखभाल से अब रिहान कुपोषित से सामान्य श्रेणी में आ गया है। खेलता खिलखिलाता है, इसे देखकर अब घर परिवार के लोग भी खुश हैं।