योजनाओं के प्रचार प्रसार में स्थानीय बोली ज्यादा प्रभावी – कलेक्टर डॉ तम्बोली

रायपुर(आईएसएनएस)। जनसम्पर्क विभाग द्वारा कला जत्थों के माध्यम से राज्य शासन की योजनाओं के प्रचार हेतु प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन जगदलपुर के कुम्हरावंड स्थित कृषि महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में किया गया। कलेक्टर डॉ अय्याज तम्बोली द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण के बाद कला जत्था दलों के माध्यम से बस्तर संभाग के सभी जिलों के हाट बाजारों और मडई-मेलों में राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय बोली में प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

कलेक्टर डॉ अय्याज तम्बोली ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कला जत्था आज भी प्रचार-प्रसार का प्रभावी माध्यम है। स्थानीय लोगो द्वारा स्थानीय बोली में जब कोई बात बताई जाती है तो वह आसानी से उनकी समझ में आ जाता है। जब उन्हें उनके लिए संचालित योजनाओं की जानकारी होगी, तो वे उसका लाभ ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा आम जनता की भलाई के लिये अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं की जानकारी आम लोगो को हो इसके लिए प्रचार प्रसार जरूरी है।

इस अवसर पर जनसंपर्क संचालनालय के अपर संचालक जे. एल. दरियो ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद बस्तर संभाग के सभी जिलों के 276 हाट बाजारों में स्थानीय बोली हल्बी, गोंडी, भतरी और छत्तीसगढ़ी में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके अलावा मडई मेलों में भी प्रचार प्रसार किया जाएगा। कार्यशाला में कला जत्थों द्वारा प्रस्तुति दी गई। अधिकारियों ने प्रस्तुतियों को देखा और कमियों को दूर करने के सुझाव दिए।

कार्यक्रम के अंत मे संयुक्त संचालक जनसम्पर्क डी. एस. कुशराम ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर आकाशवाणी केंद्र जगदलपुर के प्रभारी केंद्र निदेशक बलवीर कच्छ, आउट रीच फील्ड पब्लिसटी अधिकारी खेलन सिंह दीवान सहित जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी कर्मचारी और कला जत्था के कलाकार उपस्थित थे।

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