छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में पहले नम्बर पर, छत्तीसगढ़ में छह माह में ही सालाना लक्ष्य पूर्ण

रायपुर(आईएसएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ रहा है। यही वजह है कि देश में चालू सीजन के दौरान वनोपजों के संग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ लगातार पहले नम्बर पर बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में पिछले छह माह में 104 करोड़ रूपए की राशि के लगभग डेढ़ लाख क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण हो चुका है, जो चालू सीजन के दौरान देश में अब तक संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73.71 प्रतिशत है। इस तरह छत्तीसगढ़ में 100 करोड़ रूपए से अधिक राशि के लघु वनोपजों के वार्षिक संग्रहण लक्ष्य को छह माह पहले अर्थात् छह माह में ही हासिल कर लिया गया है, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा वनवासी ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या बढ़ाकर अब 31 तक कर दी गई है। इसके पहले प्रदेश में वर्ष 2015 से 2018 तक मात्र सात वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही थी। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य में चालू वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत संग्रहित लघु वनोपजों में इमली (बीज सहित), पुवाड़ (चरोटा), महुआ फूल (सूखा), बहेड़ा, हर्रा, कालमेघ, धवई फूल (सूखा), नागरमोथा, इमली फूल, करंज बीज तथा शहद शामिल हैं। इसके अलावा बेल गुदा, आंवला (बीज रहित), रंगीनी लाख, कुसुमी लाख, फुल झाडु, चिरौंजी गुठली, कुल्लू गोंद, महुआ बीज, कौंच बीज, जामुन बीज (सूखा), बायबडिंग, साल बीज, गिलोय तथा भेलवा लघु वनोपजें भी इसमें शामिल हैं। साथ ही हाल ही में वन तुलसी बीज, वन जीरा बीज, ईमली बीज, बहेड़ा कचरिया, हर्रा कचरिया तथा नीम बीज को भी शामिल किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में 3 हजार 500 ग्रामों तथा 866 हाट बाजारों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर क्रय करने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह राज्य में लघु वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण कार्य के लिए 139 वन धन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। राज्य में चालू सीजन के दौरान अब तक लघु वनोपजों में 61 करोड़ रूपए की राशि के 3 लाख 4 हजार 242 क्विंटल साल बीज तथा 20 करोड़ रूपए की राशि के 63 हजार 676 क्विंटल ईमली (बीज सहित) का संग्रहण हो चुका है। इसी तरह 8 करोड़ रूपए की राशि के 28 हजार 158 क्विंटल महुआ फूल (सूखा), 87 लाख रूपए की राशि के 5 हजार 107 क्विंटल बहेड़ा, 70 लाख रूपए की राशि के 5 हजार क्विंटल पुवाड (चरोटा) का संग्रहण किया गया है।

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