महादान के लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी पर मुख्यमंत्री निकले दान मांगने, कांकेर प्रवास के दौरान दुकानों और घरों में जाकर मांगा दान

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी पर्व परम्परा के अनुरूप आज सवेरे जिला मुख्यालय कांकेर के पुराने बस स्टेण्ड में मुख्य मार्ग की दुकानों और घरों में जाकर छेरछेरा पुन्नी का दान मांगा। महिलाओं ने तिलक लगाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें चावल, लड्डू, फल भेंट किए। छेरछेरा पर्व पर मुख्यमंत्री को धान से तौला गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी लोगों को छेरछेरा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नई फसल के घर आने की खुशी में महादान का यह उत्सव पौष मास की पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी तिहार के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छेरछेरा पुन्नी पर बच्चों, युवाओं, किसानों, मजदूरों और महिलाओं की टोली घर-घर जाकर छेरछेरा पुन्नी का दान मांगते हैं। इस पर्व में समानता का भाव प्रमुखता से उभर कर सामने आता है। धनी और गरीब व्यक्ति एक दूसरे के घर दान मांगने जाते हैं और दान में एकत्र धान, राशि और सामग्री गांवों में रचनात्मक कार्यों में लगाई जाती है।

उन्होंने कहा कि छेरछेरा के महादान की परम्परा की यह भावना है कि किसानों द्वारा उत्पादित फसल केवल उसके लिए नहीं अपितु समाज के अभावग्रस्त और जरूरतमंद लोगों, कामगारों और पशु-पक्षियों के लिए भी काम आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अनेक चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार द्वारा अब तक 89 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इस वर्ष धान खरीदी का एक नया रिकार्ड बनेगा। मुख्यमंत्री और अतिथियों ने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा‘ का घोष किया। इस अवसर पर ग्रामोद्योग और कांकेर जिले के प्रभारी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मण्डावी, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, विधायक मोहन मरकाम और संतराम नेताम तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी भी उपस्थित थे।

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