छत्तीसगढ़ के व्यापार और उद्योग जगत में नहीं, नक्सली गतिविधियों में आयी मंदी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार की पिछल एक वर्ष की योजनाओं से छत्तीसगढ़ के व्यापार और उद्योग जगत में नया उछाल आया है। छत्तीसगढ़ मंदी के प्रभाव से अछूता रहा है। छत्तीसगढ़ के व्यापार और उद्योग जगत में नहीं, बल्कि नक्सली गतिविधियों में मंदी आयी है। उन्हें भर्ती के लिए लोग नही मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति का विकास है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाओं के साथ सुरक्षा देने का काम राज्य सरकार कर रही है। हम लोगों को रोजगार से जोड़ रहे हैं। उन्हें हल पकड़ा रहे हैं, नही तो वे बंदूक पकड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने इस आशय के विचार आज यहां एक निजी होटल में निजी न्यूज़ चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम ’देश का नया विश्वास छत्तीसगढ़’ में व्यक्त किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद किसानों के कर्ज माफ किए गए, 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी की गई, तेंदूपत्ता संग्रहण की पारिश्रमिक बढ़ाकर चार हजार रूपए प्रति मानक बोरा किया गया। 15 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ की गई। लोगों को छोटे-छोटे रोजगारों से जोड़ने का काम किया गया। बिजली बिल हाफ किया गया, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में 200 स्कूल प्रारंभ किए गए, दूरस्थ अंचलों में स्थित हाट बाजारों में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य क्लिनिक योजना प्रारंभ की गई, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पूरे प्रदेश में सुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया। वित्तीय समावेशन और कौशल विकास के क्षेत्र में देश के आंकांक्षी जिलों में छत्तीसगढ़ का नारायणपुर जिला प्रथम स्थान पर है। नीति आयोग द्वारा माह नवंबर 2019 के लिए जारी डेल्टा रेंकिंग में नारायणपुर सहित छत्तीसगढ़ के तीन जिले टाप पांच जिलों में शामिल हैं। नीति आयोग की डेल्टा रेंकिंग में राजनांदगांव जिला तीसरे और सुकमा जिला पांचवें स्थान पर है। कुपोषण मुक्ति की दिशा में किए गए विशेष प्रयास से कुपोषण मुक्ति अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए देश के 115 आकांक्षी जिलों में से दन्तेवाड़ा जिले को सिल्वर स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया।

श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से प्रदेश के ऑटोमोबाईल सेक्टर में 25 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है, जबकि पूरे देश में इस सेक्टर में 19 प्रतिशत की गिरावट आयी है। इसी प्रकार रियल इस्टेट में दोगुनी, सराफा में 84 प्रतिशत और टेक्सटायील सेक्टर में 30 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। इसका कारण यह है कि आम आदमी, किसान, आदिवासी और मजदूरों की जेब में पैसा आया, जिससे छत्तीसगढ़ में व्यापार और उद्योग जगत फल-फूल रहा है। प्रदेश में बेरोजगारी में भी कमी आयी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नई उद्योग नीति में प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग लगाने पर अनेक रियायतें और सुविधाएं देने के प्रावधान किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की प्राचीन और गौरवशाली संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों से लोगों को पिछल 19 वर्षों में पहली बार यह लग रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य उनका है। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश और दुनिया में पहचान मिली।

श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार के कामों से लोगों में राज्य सरकार के प्रति विश्वास कायम हुआ है। राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों का विश्वास हासिल करने के साथ-साथ, उस क्षेत्र के विकास और लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की नीति पर काम कर रही है। राज्य में नक्सल घटनाओं में 40 प्रतिशत की कमी आयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में इस्पात संयंत्र के लिए लगभग 1700 आदिवासियों और किसानों से अधिग्रहित की गई 4200 एकड़ जमीन उन्हें वापस कर दी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में छोटे-छोटे अपराधों में जेलों में बंद किए गए लोगों को रिहा करने के लिए जस्टिस पटनायक की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है, जिसकी अनुशंसा पर लोगों को लोगों को रिहा करने की कार्रवाई प्रारंभ की गई है। बस्तर में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय युवाओं की भर्ती का निर्णय लिया गया है। वन अधिकार कानून के तहत वन क्षेत्रों के निवासियों को व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार पट्टे देने का काम प्रारंभ किया गया है।

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