मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सांकरा में नागरिक अभिनंदन

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में आजादी की लड़ाई में पाटन क्षेत्र का अवस्मरणीय योगदान रहा है। यहां किसान हमेशा से जागरूक रहे हैं फलस्वरूप यहां कई आन्दोलनों में किसानों ने हिस्सा लिया है, इस पुण्य धरती को बार-बार नमन। यह मेरा सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का अवसर मिला। श्री बघेल आज दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम सांकरा में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने समारोह में अपने जन्म दिवस के मौके पर केक भी काटा और विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि मंडलों से मिले और उनकी बधाईयां स्वीकार की।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भले ही बन गया था, लेकिन यह महसूस होता था कि जैसा हमारे पुरखों ने सोचा वैसा प्रदेश गढ़ नहीं पाए, इसलिए हमने निश्चय किया कि पुरखों का सपना पूरा करेंगे। उन्हांेंने कहा कि हमारे पुरखे कहते थे कि इस शस्य श्यामला धरती में कोई कमी नहीं, अपने प्रदेश से हम बेरोजगारी, अशिक्षा, भुखमरी जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही हमने कर्ज में डूबे हुए किसानों के बुझे हुए चेहरे में रौनक लाने की कोशिश की। 9000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से कृषकों को प्रोत्साहन देने के लिए हमने योजना बनाई। खेती किसानी हमारी सरकार की प्राथमिकता में हैं और अपनी किसान समर्थित योजनाओं के माध्यम से किसानों को संबल देने हमेशा खड़े रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी छत्तीसगढ़ी अस्मिता को लेकर हम बेहद सजग हैं। छत्तीसगढ़ गठन के इतने वर्षों बाद पहली बार मुख्यमंत्री निवास में तीजा और हरेली जैसे उत्सव मनाए जा रहे है। 18 साल बाद प्रदेश में राजगीत बना। हमारे प्रदेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, उन्हें अवसर उपलब्ध कराने का कार्य प्रमुखता से किया है। हमारे बच्चे हिंदी और छत्तीसगढ़ी जानते हैं लेकिन अंग्रेजी भाषा की वजह से पीछे रह जाते हैं हमने प्रदेश भर में 172 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले। इस तरह से शिक्षा को मजबूत करने के लिए हम प्रमुखता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छप्पन लाख परिवारों को राशन के माध्यम से, 14 लाख परिवारों को लघु वनोपज की अच्छी नीति के माध्यम से, घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली के टैरिफ में कमी करके और खेतिहर भूमिहीन मजदूरों के लिए 6000 रुपये सालाना योजना लाकर हम हर वर्ग की समस्या दूर करने के लिए कारगर कदम उठाने में सफल हुए हैं। प्रदेश के सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने का लाभ व्यापारी वर्ग को भी हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को थामने के लिए जिस स्तर पर छत्तीसगढ़ में कार्य हुआ, वह अभूतपूर्व है। सामाजिक संगठनों, व्यापारियों एवं समाज के सभी वर्गों ने इस दिशा में अपना योगदान दिया और एकजुटता के भाव के साथ हम कोरोना के संक्रमण को थामने में सफल हुए। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हमने स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूती दी है। उन्होंने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के माध्यम से हम ग्रामीण विकास के क्षेत्र में ठोस पहल करने में सफल हुए हैं। जिन नालों के नजदीक ट्रीटमेंट का कार्य हुआ है वहां जल स्तर में काफी वृद्धि हुई है। कंपोस्ट खाद लेने वाले किसान फसल को लेकर काफी संतुष्ट हैं। छत्तीसगढ़ जैविक खेती की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है, साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।

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