मुख्यमंत्री ने राज्य के पांचवें बहुदिव्यांग स्कूल का किया उद्घाटन, पहली से प्राथमिक तक के बहुदिव्यांग बच्चों को मिलेगी शिक्षा

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जांजगीर के समीप ग्राम पेंड्री में नवनिर्मित राज्य के पांचवें बहुदिव्यांग स्कूल भवन का उद्घाटन किया। भव्य एवं आकर्षक इस स्कूल के खुल जाने से अब जिले के पहली से पांचवी तक के बहुदिव्यांग बच्चों को विविध विधाओं में शिक्षा मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अंधमूक बधिर विद्यालय पामगढ़ के दिव्यांग बच्चों द्वारा राजकीय गीत अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार की मधुर प्रस्तुति की सराहना की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदृष्टि सोच का ही परिणाम है कि यह उच्च सुविधायुक्त बहुदिव्यांग स्कूल से समाज की मुख्य धारा से छूटे अंधमूक-बधिर एवं अन्य दिव्यांगों को भी सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनने और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जुड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने बहुदिव्यांग स्कूल परिसर में एनसीसी और स्काउट गाईड के बच्चों के साथ ग्रुप फोटो खिचवाई।

इस मौके पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, स्वास्थ एव परिवार कल्याण मंत्री और जांजगीर-चांपा जिले के प्रभारी मंत्री टी.एस.सिंहदेव, चन्द्रपुर विधायक रामकुमार यादव, कलेक्टर यशवंत कुमार, पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर, सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, शिक्षकगण और एनसीसी व स्काउड गाईड के छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

उल्लेखनीय है कि इस बहुदिव्यांग स्कूल में 50 बच्चों के लिए विविध विधाओं में प्राथमिक स्तर तक शिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। बहुदिव्यांगता वाले लोगों के लिए विशेष प्रकार की शिक्षा की व्यवस्था की जाती है। यह राज्य का पांचवा बहुदिव्यांग स्कूल हैं। यहां पहली से पांचवी तक प्राथमिक तक की कक्षाएं संचालित होंगी। प्रत्येक कक्षा में 10-10 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। इस प्रकार कुल 50 विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। उच्चस्तरीय यह बहुदिव्यांग स्कूल भवन 2 करोड़ 6 लाख रूपए की लागत से तैयार किया गया है। इममें प्राचार्य कक्ष, प्रशासनिक कक्ष, किचन, डायनिंग हाल, सांस्कृतिक हाल, शयन कक्ष के अलावा 08 क्लास रूम उपलब्ध है। यह स्कूल पूर्णतः आवासीय है।

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