मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरिया जिले को दी 212 करोड़ रूपए के विकास कार्याें की सौगात

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कोरिया जिले के प्रवास के दौरान जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के निकट कृषि महाविद्यालय चेरवापारा में आयोजित कार्यक्रम में जिले को लगभग 212 करोड़ 35 लाख रूपए के विकास कार्यों की सौगात दी। श्री बघेल इनमें से 68 करोड़ 21 लाख रूपए की लागत के 80 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और 144 करोड़ 13 लाख रूपए की लागत के 130 कार्यों का भूमि-पूजन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान चेरवापारा के नवनिर्मित कृषि महाविद्यालय भवन का लोकार्पण किया और उसका नामकरण पूर्व वित्त मंत्री तथा कोरिया कुमार स्वर्गीय रामचंद्र सिंहदेव के नाम करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने मनेन्द्रगढ़ विकासखण्ड के नागपुर में डिग्री कॉलेज खोलने और चिरमिरी में उद्यानिकी महाविद्यालय शुरू करने की भी स्वीकृति दी।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, नगरीय प्रशासन मंत्री एवं कोरिया जिले के प्रभारी मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और आदिम जाति विकास एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव एवं बैकुंठपुर विधायक अम्बिका सिंहदेव, सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो, मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल, चिरमिरी की महापौर कंचन जायसवाल भी उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज कोरिया के चेरवापारा में आयोजित आमसभा में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार प्रदेश के दो करोड़ 80 लाख से अधिक निवासियों के विकास और बेहतरी के लिए पिछले दो साल से काम कर रही है। उन्होंने विकास को आधारभूत संरचनाओं के साथ साथ व्यक्ति के विकास से भी संबध्द किया और कहा कि सड़क, पुल, पुलिया, भवन बनाने के साथ साथ छत्तीसगढ़ सरकार लोगों के विकास पर भी पूरा ध्यान दे रही है। सरकार की योजनाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक एक व्यक्ति को ध्यान में रखकर बनायी जा रही हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन के समय किसान, मजदूर, आदिवासी, अनुसूचित जाति, बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे सभी वर्गों का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इमली, महुआ जैसे 52 वनोपजों की खरीदी, कोरोनाकाल में जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने की पहल, किसानों की कर्जमाफी और धान का प्रतिक्विंटल 2500 रूपए का भुगतान छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। इस कारण प्रदेश में विपरीत परिस्थितियों के बाद भी मंदी का कोई प्रभाव छत्तीसगढ़ में नहीं है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारे सियानों ने जो सपना देखा था, हमने उसके लिए काम किया है और हम उनके सपनों को साकार करने के लिए पुरजोर कोशिश करेंगे।

कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कोरिया के लोकप्रिय कुमार और पूर्व वित्तमंत्री स्वर्गीय रामचन्द्र सिंहदेव को याद किया और मंच से उन्हें श्रध्दांजलि दी। डॉ. महंत ने कहा कि स्व. रामचन्द्र सिंहदेव और स्व. बिसाहू राम महंत जैसे बड़े बुजुर्ग जनप्रतिनिधियों ने कोरिया के विकास का जो सपना देखा था, प्रदेश की भूपेश सरकार उन सपनो को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्गों के विकास और कल्याण को ध्यान में रखकर अपनी योजनाएं बना रही है और उनपर अमल जारी है। किसान, गांव, गरीब, श्रमिक से लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग सभी श्रेणियों को विकास से जोड़ने के लिए सरकार संकल्पित है और इस दिशा में पिछले दो वर्षों में कई सकारात्मक काम भी हुए हैं।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राज्य सरकार गौधन न्याय योजना की सफलता को देखते हुए आगे 400 करोड़ रूपए का गोबर खरीदने की योजना है। इस गोबर से जैविक खाद बनने से गांव के लोगों को एक हजार करोड़ रूपए का व्यवसाय मिलेगा। इससे गौठान समितियों को फायदा होगा, जो उनके जीवन में अमूलचूल सकारात्मक बदलाव लायेगा। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करने हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में अब किसानों के मुख्यमंत्री हैं और किसानों के समस्याओं तथा खेती के विकास के लिए सरकार पूरे जोर से प्रयास कर रही है। श्री चौबे ने कहा कि प्रदेश में फल, फूल, सब्जी जैसी उद्यानिकी फसलों की खेती की संभावनाओं को देखते हुए शोध और रिसर्च के लिए उद्यानिकी विश्वविद्यालय की भी जल्द स्थापना होगी। प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक अंबिका सिंहदेव ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण काल में छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर फंसे विद्यार्थियों, श्रमिकों और अन्य लोगों को वापस लाने में सरकार ने बेहतरीन काम किया। किसानों की कर्जमाफी से लेकर गांव गांव में गौठानों के माध्यम से रोजगार के रास्ते खोलने में छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की तारीफ देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है।

मुख्यमंत्री ने लगभग 68 करोड़ 21 लाख रूपए की लागत के जिन 80 कार्यों का लोकार्पण किया, उनमें लगभग 9 करोड़ रूपए की लागत से बैकुण्ठपुर में निर्मित नया पॉलिटेक्निक भवन, 4 करोड़ 55 लाख रूपए की लागत से चिरमिरी में शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल भवन, बैकुण्ठपुर में लगभग 5 करोड़ 9 लाख रूपए की लागत से अधिकारियों-कर्मचारियों हेतु निर्मित 44 भवन, मनेन्द्रगढ़ में लगभग 5 करोड़ 9 लाख रूपए की लागत से निर्मित 44 भवन, लगभग 4 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत से नवनिर्मित कृषि महाविद्यालय चेरवापारा का भवन, 3 करोड़ 32 लाख रूपए की लागत से निर्मित 2 बालक छात्रावास के भवन का लोकार्पण किया। श्री बघेल ने क्रेडा द्वारा लगभग 24 करोड़ 96 लाख रूपए की लागत से सिंचाई और पेयजल व्यवस्था हेतु सोलर पम्प की स्थापना, सोलर हाईमास्ट लाइट की स्थापना के कुल 10 कार्य का भी लोकार्पण किया, इनमें से भरतपुर-सोनहट में 14 करोड़ 53 लाख रूपए की लागत से सिंचाई हेतु सौर सुजला योजना के अंतर्गत 748 नग सोलर पम्प की स्थापना, भरतपुर सोनहत में ही पेयजल व्यवस्था हेतु 2 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत से 53 सोलर ड्यूल पम्प स्थापना, 3 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत से भरतपुर-सोनहत में प्रकाश व्यवस्था हेतु 81 सोलर हाईमास्ट लाइट स्थापना, 18 लाख रूपए की लागत से भरतपुर-सोनहत में पेयजल व्यवस्था हेतु 3 आयरन शुद्धिकरण संयंत्र की स्थापना, 2 करोड़ 24 लाख रूपए की लागत से मनेन्द्रगढ़ में सौर सुजला योजना के अंतर्गत 118 सोलर पम्प की स्थापना, 89 लाख रूपए की लागत से बैकुण्ठपुर क्षेत्र में 134 सोलर पम्प की स्थापना और भरतपुर-सोनहत क्षेत्र के बहरासी में 1 करोड़ 57 लाख रूपए की लागत से निर्मित 33ध्11 के.व्ही. क्षमता के विद्युत उपकेन्द्र शामिल है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल कार्यक्रम में जिन कार्यों का भूमिपूजन किया, उनमें 18 करोड़ 19 लाख रूपए की लागत से देवाडाड़-पेन्ड्री व्हाया मंगोरा मार्ग पर बुधरा नदी पर बनने वाला उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 107 करोड़ 72 लाख रूपए की लागत से बनने वाली 15 सडकें शामिल हैं। इन सड़कों में 15 करोड़ 7 लाख रूपए की लागत से बनने वाली बैकुण्ठपुर-जुनापारा-कुडेली व्हाया आमापारा, चारपारा, सत्तीपारा सड़क, 14 करोड़ 9 लाख रूपए लागत की पिपरिया सड़क-नागपुर रेल्वे स्टेशन-सिरियाखोह-चिरईपानी सड़क, 12 करोड़ 24 लाख रूपए लागत की पेन्ड्री-महाई व्हाया लोहारी सड़क, 11 करोड़ 52 लाख रूपए लागत की खाडा-एन.एच. रनई व्हाया अमहर-चिरगुडा-तेन्दुआ सड़क, 11 करोड़ 30 लाख रूपए की लागत कोथारी-पाराडोल रेल्वे स्टेशन व्हाया पारसगढ़ी सड़क शामिल हैं। मुख्यमंत्री 2 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से बैकुण्ठपुर में बनने वाली वायरोलॉजी लैब शामिल है।

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