मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए बनाया जाएगा जिलावार प्लान
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य अधोसंरचना एवं सुविधाओं के विस्तार सहित राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में दिए गए निर्देशों के परिपालन में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा कलेक्टर कॉन्फ्रेंस ली और विभिन्न विभागों द्वारा संचालित फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. आलोक शुक्ला सहित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, संभागायुक्त, कलेक्टर तथा जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशा अनुरूप राज्य में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के माध्यम से जिस तरह शैक्षणिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया गया है, इसी तरह उन्होंने मेडिकल इन्फा्रस्ट्रक्चर को उत्कृष्ट बनाने के निर्देश दिए है। मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को अपने जिले में मेडिकल इन्फा्रस्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि डी.एम.एफ, सी.एस.आर, कोविड दान की राशि, सांसद- विधायकमद, नगरीय निकाय के पास उपलब्ध मद, नेशनल हेल्थ मिशन, जीवन दीप आदि के रूप में पर्याप्त धन राशि उपलब्ध है।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गौठानों की भूमिका और उपयोगिता को देखते हुए यहां मिनी राइस मिल तथा कोदो-कुटकी के लिए हालर मिल जैसी संभावनाओं को मूर्त रूप देने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए जिला कलेक्टर प्रयास करें तथा मार्केटिंग की संभावना तलाशें।
मुख्य सचिव ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोविड-19 वैक्सिनेशन के कार्य को जिला प्रशासन ने व्यापकता के साथ अभियान चलाकर बेहतरीन रूप से किया है। इस गति को आगे भी बरकारार रखा जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जिला कलेक्टरों को कोविड संक्रमण से बेसहारा और अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा व्यवस्था तथा छात्रवृत्ति के लिए पूरे संवेदनशीलता के साथ कार्य करने और महतारी दुलार योजना के माध्यम से सहायता उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने इसके लिए शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय बढ़ाने तथा ऐसे बच्चों के चिन्हांकन का कार्य 30 जून तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने रायपुर जिले में किए गए चिन्हांकन कार्य की तारीफ की। ऐसे बच्चों को 500 से लेकर एक हजार रूपए की मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में धान के बदले अन्य फसल लेने हेतु किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की गई है। ऐसे किसानों को जिला प्रशासन और कृषि विभाग हर संभव मदद करें और उनकी कठिनाईयों को दूर करें। उन्होंने गौठानों के माध्यम से बनाए गए उपयोगी वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट के उपयोग के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने को कहा तथा कहा कि इससे रसायनिक खाद् जैसे डी.ए.पी तथा युरिया आदि की निर्भरता भी कम की जा सकती है।
मुख्य सचिव ने बरसात के कारण होने वाली जलजनित मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं उपचार, वर्षा की स्थिति एवं बाढ़-आपदा से बचाव एवं राहत उपायों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने चालू खरीफ मौसम की फसलों के लिए खाद-बीज के वितरण की जानकारी भी ली। उन्होंने वृह्द वृक्षारोपण कार्यक्रम, रोका-छेका अभियान, गांवों में चारागाह के लिए अतिक्रमित भूमि को रिक्त करवाने एवं उसमें उन्नत किस्म के चारे उगाने की कार्ययोजना की जानकारी ली। मुख्य सचिव ने गौठानों में चारागाह बनाने और इनमें अच्छी किस्म का चारा लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने आगामी एक जुलाई से प्रदेश भर में चलाए जाने वाले रोका-छेका अभियान को सफल बनाने के लिए ग्राम सभाओं का आयोजन कर लोगों का सहयोग लेने को कहा। उन्होंने इसके लिए गौठान प्रबंधन समिति बैठक आयोजित करने, गौठानों में पशु चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराने को कहा। धान खरीदी केन्द्र से धान उठाव की स्थिति की समीक्षा की गयी तथा शेष रह गए धान का उठाव शीघ्र करवाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने लोक सेवा गारंटी योजना के तहत प्राप्त आवेदनों तथा नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन जैसे राजस्व प्रकरणों का तेजी से निराकरण करने को कहा। उन्होंने राजस्व प्रकरणों को तीव्रता से निपटाने के लिए तहसील स्तर पर राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से सप्ताह में एक दिन कैंप करने को कहा।
अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने विभिन्न योजनाओं के संबंध में कलेक्टरों को मार्ग-दर्शन दिया। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने बताया कि जिला हॉस्पिटल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हमारे हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार है। इनमें ऑपरेशन थिएटर, लेबर रूम तथा वार्ड आदि पर्याप्त है, लेकिन यह भी जरूरी है कि इनमें आई.सी.यू, ब्लड बैंक और एक्स रे जांच और दवाई आदि की सुविधाएं बढ़ायी जाएं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ऑक्सीजन सिलेंडर और कम से कम दो वैटिंलेटर तथा मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन तथा ऑक्सिजन प्लांट की उपलब्धता जैसे प्रयासों को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कोविड के कारण हाट बाजारों के चलित मेडिकल युनिट जो बंद हो गए थे उन्हें फिर से शुरू करने को कहा।
कृषि उत्पादन आयुक्त एम. गीता ने बताया कि डी.ए.पी तथा युरिया की आपूर्ति बड़़ाने के लए भारत सरकार के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है। दलहन, तिलहन तथा रागी आदि के बीज उपलब्ध है और इसकी फसल के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विशेष सचिव मुख्यमंत्री, कृषि विभाग तथा आयुक्त सह संचालक जनसंपर्क डॉ एस. भारतीदासन ने गौठानों को व्यवस्थित और सक्रिय बनाने पर जोर दिया। उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत बनाए गए वर्मी कम्पोस्ट खाद की उपयोगिता बढ़ाने कृषि विभाग को सक्रियता के साथ कार्य करने को कहा।