मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नवगठित 28वें जिले ‘गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही‘ का किया उद्घाटन

रायपुर(आईएसएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले का उद्घटान करते हुए कहा कि अलग जिला बन जाने से इस दूरस्थ क्षेत्र के विकास को ही गति नहीं बल्कि यहां की समृद्ध संस्कृति को भी आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर- गढ़बो नवा गौरेला, पेन्ड्रा अऊ मरवाही।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पेण्ड्रारोड के गुरुकुल विद्यालय परिसर में विशाल जनसमूह और जन-प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रदेश के 28वें जिले का उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि अरसे से की जा रही इस मांग को पूरा करने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ है। आज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और इस क्षेत्र के स्वप्नदृष्टा स्वर्गीय श्री राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल की जयंती के अवसर पर यह जिला आकार ले रहा है। यह क्षेत्र अपने साथ अद्भुत विरासत समेटे हुए है। नर्मदा नदी और अरपा नदी का यह इलाका उद्गम स्थल है। यहां वन्य औषधियों, वन्य संपदा की विविधता है। यह क्षेत्र भालू जैसे वन्य जीवों के लिए भी जाना जाता है। लेकिन सबसे बड़ी विशेषता यहां के लोगों की बोली है, जो बहुत मधुर है। इस क्षेत्र का विकास अब नये जिले की जरूरतों के अनुसार होगा, जो विकास को गति देगा और संस्कृति को समृध्द करेगा।

पसान सर्किल पेन्ड्रा में शामिल होगा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तानाखार के विधायक मोहित केरकेट्टा के सुझाव पर घोषणा की कि इस नये जिले में पसान राजस्व सर्किल के अंतर्गत आने वाले गांवों को शामिल किया जायेगा, क्योंकि पसान के लोगों के लिए कोरबा जिला मुख्यालय की दूरी ज्यादा है। श्री बघेल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के सुझाव पर हर साल नये जिले के मुख्यालय में अरपा महोत्सव मनाने की घोषणा भी की। इसके पहले मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नये जिले के जिलाधीश कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने इस दौरान 18 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को भी स्वीकृति दी। उद्घाटन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक, विधायक डॉ. रेणु जोगी, शैलेष पांडेय व मोहित केरकेट्टा, बिलासपुर महापौर रामशरण यादव, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी व क्षेत्र के जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। अतिथियों ने अपने उद्बोधन में नये जिले के गठन के मुख्यमंत्री के निर्णय को लेकर उनका आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने ‘गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही‘ जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का लोकार्पण किया। श्री बघेल ने कार्यक्रम में गौरेला के टीकर में आदिम जाति कल्याण विभाग के नवनिर्मित 500 सीटर छात्रावास भवन का लोकार्पण किया। इस भवन का निर्माण 14 करोड़ 97 लाख रूपए की लागत से किया गया है। श्री बघेल ने गौरेला-केंवची मार्ग पर 3 करोड़ 48 लाख रूपए की लागत से बनने वाले दो उच्चस्तरीय पुलों का भूमि-पूजन किया। इस मार्ग पर वर्तमान में निर्मित पुल सोकछार जलाशय के डुबान क्षेत्र में आने के कारण वर्षा ऋतु में यातायात अवरूद्ध हो जाता है। नए पुलों के निर्माण से क्षेत्रवासियों की इस समस्या का समाधान हो सकेगा।

नवगठित जिले में तीन तहसील तथा तीन विकासखण्ड गौरेला, पेण्ड्रा और मरवाही शामिल हैं। जिनमें कुल 166 ग्राम पंचायतें, 222 गांव और 2 नगर पंचायत गौरेला और पेण्ड्रा समाहित हैं। इस जिले का क्षेत्रफल 1 लाख 68 हजार 225 हेक्टेयर हैं। इस जिले में कुल सिंचित रकबा 6290 हेक्टेयर और कुल असिंचित रकबा 64 हजार 352 हेक्टेयर हैं। इस नवगठित जिले में मरवाही विधानसभा के 200 गांव और कोटा विधानसभा के 25 गांव, कोरबा लोकसभा क्षेत्र के 200 गांव और बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के 25 गांव समाहित हैं। मुख्यमंत्री के गुरूकुल परिसर पेण्ड्रा रोड पहुंचने पर नागरिकों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। शुभारंभ अवसर पर नर्तक दलों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया। प्रारंभ में मुख्य अतिथि भूपेश बघेल एवं अन्य अतिथियों का स्वागत संभाग व बिलासपुर तथा पेन्ड्रा-गौरेला-मरवाही जिले के प्रशासनिक अधिकारियों व क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों ने किया।

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