यूनिसेफ ने दंतेवाड़ा के स्कूलों में चल रहे किचन-गार्डन बागवानी को सराहा

रायपुर। अंतराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ ने अपने ट्यूटर एवं फेसबुक एकाउंट पर छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा जिले के प्राथमिक शाला बेंगलुरू में चल रहे किचन गार्डन बागवानी की सराहना की है। यूनिसेफ ने ‘फॉर एव्हरी चाइल्ड, न्यूट्रीशन‘ और ‘मन्डे मोटिवेशन‘ हैशटैग के साथ छात्रा की सब्जी लिये फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ की प्राथमिक शाला बेंगलूर में बच्चे पोषण और आहार के संबंध में अनूठे तरह से सीख रहे हैं। वे स्कूल के किचन गार्डन में अपने शिक्षकों के साथ खुद अपने लिए उत्पादन करते हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी यूनिसेफ की ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा है कि लोगों के सहयोग से हम छत्तीसगढ़ से कुपोषण और एनीमिया दूर करने के लिए संकल्पित हैं। हमें विश्वास है कि निश्चित ही इसमें सफल होंगे। इसके पूर्व नीति आयोग ने भी अपने मुख्य पेज में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा को जगह दी थी। मुख्यमंत्री की कुपोषण मुक्ति की दिशा में किये गए प्रयासों का परिणाम है कि विगत दिनों देश के 115 आकांक्षी जिलों में से दंतेवाड़ा जिले को सुपोषण अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि और नवोन्मेषी पहल के लिए नई दिल्ली में स्कॉच अवार्ड समारोह में सिल्वर अवार्ड से नवाजा गया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश से कुपोषण उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश के आकांक्षी और अधिक कुपोषण दर वाले जिलों में कुपोषण मुक्ति के लिए खास तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। दंतेवाड़ा के ग्राम गंजेनार से ही सुपोषण अभियान की शुरूआत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में की गई है। राज्य शासन के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देर्शों के अनुरूप सभी स्कूलों में किचन गार्डन बनाए जा रहे हैं और बागवानी की जा रही है। दंतेवाड़ा के सभी स्कूलों में भी इसका पालन करते हुए सुचारु रुप से काम किया जा रहा है। बच्चें भी उत्साहित होकर बागवानी में हाथ बटाते हैं। इसका लाभ भी देखा जा रहा है। इस कार्यक्रम से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास हो रहा है। साथ ही बच्चों को किचन गार्डन में उत्पादित पोषक तत्वों से युक्त ताजी हरी सब्जियां खाने को मिल रही हैं।

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